उन्होंने कहा कि देश का विमानन क्षेत्र किस रफ्तार से बढ़ रहा है इसका पता इसी बात से चलता है कि 100 से ज्यादा विमानों के बेड़े वाली जेट एयरवेज के बंद होने के बावजूद आज देश में विमानों की संख्या 1 साल पहले की तुलना में 10 प्रतिशत बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि अगले कुछ साल में देश में विमानों की संख्या 1,000 के पार पहुंच जाएगी।
खरोला ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में विमान देश में होने के बावजूद एमआरओ (रखरखाव, मरम्मत एवं ओवरहॉलिंग) और विमानों के पट्टे का कारोबार भारत में नहीं होता इसलिए देश को एमआरओ का वैश्विक केंद्र बनाने की जरूरत है। एक बार एमआरओ सुविधा बढ़ गई तो पट्टे पर विमान देने और उसके लिए वित्त उपलब्ध कराने का कारोबार यहां अपने-आप फलने-फूलने लगेगा।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के अध्यक्ष अरविंद सिंह ने कहा कि इस समय देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में विमानन क्षेत्र का योगदान 30 अरब डॉलर है। अगले 5 साल में देश के विमानन क्षेत्र में 1 लाख करोड़ रुपए के निवेश की उम्मीद है। एएआई अगले 5 साल में 25 हजार करोड़ रुपए का निवेश करेगा। यह निवेश हवाई अड्डों के विकास, एयर नेविगेशन सिस्टम आदि पर किया जाएगा।