नई दिल्ली। जोशीमठ संकट को लेकर केंद्र सरकार पूरी तरह एक्शन में नजर आ रही है। आज से लाल निशान लगे घरों को तोड़ने का काम शुरू हो गया है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट जोशीमठ में जमीन धंसने के मामले में शंकराचार्य की याचिका पर 16 जनवरी को सुनवाई के लिए सहमत हो गया।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने हालांकि, तत्काल सुनवाई के लिए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती द्वारा दायर याचिका को सूचीबद्ध करने से इनकार कर दिया और कहा कि हर जरूरी चीज सीधे न्यायालय के पास नहीं आनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने 7 जनवरी को उत्तराखंड में जोशीमठ के संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका में कहा गया कि यह घटना बड़े पैमाने पर औद्योगीकरण के कारण हुई।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने जोशीमठ के लोगों के लिए विशेष राहत पैकेज की मांग की थी। शंकराचार्य ने शीर्ष अदालत से सरकार को प्रभावित लोगों के पुनर्वास और उनको आर्थिक मदद मुहैया कराने का आदेश देने की अपील की।
शंकराचार्य ने अपनी याचिका में कहा है कि केंद्र और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को इस मामले में तुरंत और कारगर कदम उठाने के आदेश दिए जाएं। याचिका में कहा गया कि मानव जीवन और उनके पारिस्थितिकी तंत्र की कीमत पर किसी भी विकास की आवश्यकता नहीं है और अगर ऐसा कुछ भी हो रहा है तो यह राज्य और केंद्र सरकार का कर्तव्य है कि इसे तुरंत रोका जाए।
उत्तराखंड के जोशीमठ में बड़े पैमाने पर जारी निर्माण गतिविधियों के कारण जमीन धंसने और इमारतों में दरार पड़ने से स्थानीय लोगों के जीवन पर खतरा मंडराने लगा है। विकास के नाम पर हिमालयी क्षेत्र को सुनियोजित तरीके से बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए शंकराचार्य ने कहा कि सीमावर्ती नगर में रह रहे हजारों लोगों का जीवन खतरे में है।
आज से ढहाए जाएंगे घर : जोशीमठ में केंद्र सरकार की टीम के दौरे के बाद खतरनाक घरों को ढहाने की तैयारी की जा रही है। खतरनाक घरों पर लगाए लाल निशान लगा दिए गए हैं। इन्हें आज से ढहाया जाएगा। होटल मलारी इन और माउंट व्यू झुक कर एक-दूसरे के बेहद करीब आ गए। इन दोनों होटलों को आज गिराया जाएगा।
टिहरी झील के पास बने मकानों में भी दरारें : जोशीमठ के बाद कर्णप्रयाग और अब टिहरी झील क्षेत्र से डराने वाली खबरें आ रही हैं। कर्णप्रयाग में बहुगुणानगर इलाके में दरारों की वजह से कई घर जमींदोज हो चुके हैं, कई घर खतरनाक स्थिति में पहुंच चुके हैं। टिहरी झील के पास बने मकानों में भी दरारें आई हैं। दहशत में आए प्रभावित लोग अपने-अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जा चुके हैं।