जोशीमठ। जोशीमठ में बढ़ रहे भू-धसाव क्षेत्र को देखते हुए आशंका जताई जा रहा है कि नृसिंह मंदिर में दरार आने से कहीं बद्रीनाथ मंदिर का खजाना कहीं पहाड़ के नीचे न दब जाए। बद्रीनाथ का खजाना हर साल शीतकाल में जोशीमठ के नृसिंह मंदिर में शिफ्ट कर दिया जाता है। नृसिंह मंदिर के आसपास बढ़ते जास रहे भू धसाव से सरकार और बदरी केदार मंदिर समिति बद्रीनाथ मंदिर के खजाने की सुरक्षा को लेकर चिंतित है।
खजाने मौजूदा समय में बदरीनाथ के खजाने में करोड़ों की नकदी के अलावा 30 क्विंटल चांदी, 45 किलो से अधिक सोना व अन्य जेवरात शामिल हैं। जोशीमठ में भू-धंसाव से स्थिति के बिगड़ते जाने से वहां रखे खजाने को पीपलकोटी शिफ्ट करने की योजना बनाई जा रही है।
क्या है राहत की बात : आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में प्रारम्भ में निकलने वाले पानी का डिस्चार्ज जो कि 6 जनवरी 2023 को 540 एल.पी.एम. था, वर्तमान में घटकर 100 एल.पी.एम. हो गया है। यह एक राहत की खबर है। जोशीमठ में भू-धंसाव के कारण अभी तक 849 ऐसे भवनों को चिन्हित किया गया है जिनमें दरारें आई है। सुरक्षा के दृष्टिगत 250 परिवारों के 838 सदस्यों को अस्थायी राहत शिविरों में विस्थापित किया है।