नई दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के केंद्रीय मंत्रिपरिषद में शामिल होने के बाद उनके संभावित उत्तराधिकारी के रूप में भाजपा नेता जेपी नड्डा का नाम उभरा है। नड्डा नई मोदी सरकार में शामिल नहीं हुए हैं।
शाह के मोदी मंत्रिपरिषद में शामिल होने के बाद पार्टी के ‘एक व्यक्ति, एक पद’ सिद्धांत के तहत उन्हें भाजपा अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ सकता है। नड्डा हिमाचल प्रदेश के ब्राह्मण समुदाय से आते हैं और उन पर भाजपा शीर्ष नेतृत्व को काफी विश्वास है। उनका जुड़ाव राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से भी रहा है और उनकी छवि साफ-सुथरी मानी जाती है।
वह मोदी की अगुवाई वाली पहली राजग सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे। सूत्रों ने बताया कि नड्डा भाजपा संसदीय बोर्ड के भी सदस्य हैं, जो भाजपा की शीर्ष निर्णय करने वाली संस्था है और इसका सदस्य होने के नाते वरिष्ठता के लिहाज से भी वह उपयुक्त माने जा रहे हैं।
नड्डा के अलावा पार्टी महासचिव भूपेन्द्र यादव और ओपी माथुर के नाम की भी चर्चा है। इसके अलावा नित्यानंद राय के मंत्री बनने से बिहार प्रदेश भाजपा, महेन्द्र नाथ पांडे के मंत्री बनने से उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष पद के लिए भी नए चेहरे की तलाश करनी होगी क्योंकि ये दोनों संबंधित राज्यों के पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं।