अभिषेकम की प्रक्रिया श्री विजयेन्द्र सरस्वती तथा परिजन की मौजूदगी में पंडितों के वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मठ के मुख्य प्रांगण में हुई। बाद में शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती के पार्थिव शरीर को मुख्य हॉल से निकालकर वृंदावन एनेक्सी ले जाया गया, जहां श्री चन्द्रशेखरेन्द्र सरस्वती को समाधि दी गई थी।
बेंत की एक बड़ी टोकरी में शंकराचार्य जयेन्द्र सरस्वती के पार्थिव शरीर को बैठी हुई मुद्रा में डालकर 7 फुट लंबे और 7 फुट चौड़े गड्ढे में नीचे उतारा गया। उसके ऊपर शालिग्राम रखा गया। गड्ढे को जड़ी-बूटी, नमक और चंदन की लकड़ी से भर दिया गया। बाद में कबालमोक्षम् किया गया।