यह कंपनी सोने के आभूषण बनाती है। इनका विपणन क्रिज ब्रांड नाम से किया जाता है। एसबीआई ने सीबीआई के पास अपनी शिकायत में कहा है कि कंपनी ने इन आभूषणों की बिक्री 2014 तक वितरकों के जरिये की। वर्ष 2015 में उसने अपना कारोबारी माडल बदलकर बी1 बी (बिजनेस टु बिजनेस) कर लिया और बड़े खुदरा आभूषण कारोबारियों को आपूर्ति शुरू की।
एसबीआई का आरोप है कि यह धोखाधड़ी 824.15 करोड़ रुपए की है। इसके नुकसान की भरपाई के लिए सिक्योरिटी सिर्फ 156.65 करोड़ रुपए है। बैंक का आरोप है कि कनिष्क ने 2009 से रिकार्डों तथा वित्तीय ब्योरे की गलत जानकारी देकर कंपनी की बेहतर तस्वीर दिखाई जिससे कर्ज हासिल किया जा सके। उसने कहा कि कनिष्क गोल्ड प्राइवेट लि. और उसके निदेशकों ने बैंक के अधिकार और हितों के खिलाफ इस राशि को इधर उधर किया।