चार दिनों तक विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद कुमारस्वामी ने कहा, ‘मैं खुशी से इस पद का बलिदान करने को तैयार हूं।’ कार्यवाही में 21 विधायकों ने हिस्सा नहीं लिया, जिससे सदन की प्रभावी क्षमता घटकर 204 रह गई। कार्यवाही में कांग्रेस-जदएस (17), बसपा (1), निर्दलीय (2) के विधायक नहीं आए। इस तरह 103 का जादुई आंकड़ा नहीं जुट पाया।