कर्नाटक में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने के बाद सभी दलों के बीच सत्ता को लेकर रस्साकसी जारी है। भाजपा इस आधार पर सरकार बनाने पर अड़ी है वह सबसे पार्टी है, जबकि कांग्रेस ने एचडी देवेगौड़ा के जनता दल एस को समर्थन देकर सत्ता की लड़ाई को रोचक बना दिया है। अब सबकी निगाहें राज्यपाल वजूभाई वाला पर टिकी हुई हैं।
येदियुरप्पा के साथ ही जदएस के कुमारस्वामी भी सरकार बनाने का दावे पेश कर रहे हैं, लेकिन राज्यपाल ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। सूत्रों की मानें तो वजूभाई येदियुरप्पा को सरकार बनाने का न्योता दे सकते हैं। भाजपा (104) राज्य में सबसे बड़ी पार्टी तो है पर बहुमत का आंकड़ा उसके पास नहीं है। वहीं जदएस और कांग्रेस मिलकर 116 पर पहुंच रही हैं, जो कि बहुमत के लिए पर्याप्त से ज्यादा है।
लेकिन, सोशल मीडिया में 22 साल पुराना एक प्रसंग सुर्खियों में छाया हुआ है, जिसका संबंध पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा और कर्नाटक के वर्तमान राज्यपाल वजूभाई से जुड़ा हुआ है। यह प्रसंग भाजपा नेता राम माधव ने अपनी फेसबुक वॉल पर शेयर किया है।
दरअसल, 22 साल पहले 1996 में देवेगौड़ा और कांग्रेस की जुगलबंदी से गुजरात में भाजपा सरकार गिराई गई थी। उस समय देवेगौड़ा भारत के प्रधानमंत्री थे, जबकि वजूभाई गुजरात भाजपा के अध्यक्ष थे। उस समय कृष्णपालसिंह राज्यपाल थे। उस समय देवेगौड़ा की सिफारिश पर ही भाजपा सरकार गिराई गई थी।
उस समय गुजरात में शंकरसिंह वाघेला के भाजपा छोड़ने के कारण सुरेश मेहता के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर संकट में आ गई थी। सदन में पार्टी को अपना बहुमत सिद्ध करना था। उस समय सदन में हिंसा भी हुई थी। पार्टी ने अपना बहुमत पेश किया लेकिन, विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष को निलंबित कर दिया। इसके एक दिन बाद तत्कालीन राज्यपाल सिंह ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर राज्य विधानसभा को विघटित करने की सिफारिश कर दी।
राष्ट्रपति ने तत्कालीन प्रधानमंत्री देवगौड़ा की राय पर सदन का विघटन कर दिया और भाजपा की सरकार गिर गई। हालांकि कांग्रेस के कंधे पर बैठकर मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला एक साल ही सरकार में रहे। बाद में कांग्रेस ने अपना कंधा हटा लिया और उनकी सरकार भी गिर गई। दोबारा चुनाव हुए और पिर भाजपा सरकार में आ गई। (Photo: uni twitter)