दोनों देशों के अधिकारियों के बीच पहले दौर की बातचीत 14 मार्च को अटारी-वाघा सीमा पर हुई थी। इस सिलसिले में दूसरे दौर की बातचीत दो अप्रैल को होने वाली थी लेकिन पाकिस्तान सरकार की ओर से गलियारे से जुड़ी एक समिति में खालिस्तान समर्थक नेता गोपाल सिंह चावला की नियुक्ति के बाद वार्ता नहीं हो सकी।