राज्यसभा विदाई सत्र में त्यागी को वाहवाही, हनुमंत को डांट

शुक्रवार, 13 मई 2016 (16:14 IST)
नई दिल्ली। राज्यसभा में शुक्रवार को विदाई भाषण के दौरान जनता दल युनाइटेड के केसी त्यागी ने सभापति मोहम्मद हामिद अंसारी के साथ संपूर्ण सदन से वाहवाही बटोरी जबकि कांग्रेस के हनुमंत राव को अपने व्यवहार के कारण डांट पड़ी।

 
राज्यसभा में विदाई सत्र के दौरान समय की कमी के कारण अंसारी सभी सदस्यों से निश्चित समय में अपनी बात करने का अनुरोध कर रहे थे। उन्होंने त्यागी से भी यही अनुरोध किया। 
 
इस पर त्यागी ने कहा कि वे आज के दिन हल्की-फुल्की बातें ही कहेंगे। उन्होंने कहा कि स्वभाव से मैं बागी हूं। भगवान की बात तो कभी-कभार मान लेता हूं लेकिन हुक्मरानों के आदेश तो मैं मानता नहीं। मैं आपके दायरे बाहर हूं इसलिए लंबे-लंबे भाषण दूंगा। खूब असंसदीय भाषा का प्रयोग करूंगा और बाहर जाकर धारा 144 तोड़ूंगा। इस पर सदन में ठहाका फूट पड़ा।
 
उन्होंने कहा कि राजनीति में विचारधारा की लड़ाई है और इसे अपने-अपने तरीके से सब जारी रखते हैं। उन्होंने वित्तमंत्री अरुण जेटली को अपना पुराना मित्र बताते हुए कहा कि अपना इतना तो फर्ज निभाओ, सांसदों के पेंशन के पैसे बढ़वा दो।
 
इससे पहले समाजवादी पार्टी की जया बच्चन ने त्यागी और भारतीय जनता पार्टी के तरुण विजय की ओर इशारा करते हुए सभापति से कहा कि ये सदन की कार्यवाही के दौरान बहुत बोलते थे इसलिए इन्हें आज केवल एक शब्द 'धन्यवाद' कहने की अनुमति देनी चाहिए।
 
त्यागी ने अपनी बात इस एक शे'र के साथ खत्म की- 
 
माना कि इस जमीं को न गुलजार कर सके,
कुछ ख़ार कम तो कर गए, गुजरे जिधर से हम।
 
कांग्रेस के हनुमंत राव को भाषण के दौरान सभापति से डांट सुननी पडी। वे नियत समय में अपना भाषण समाप्त नहीं कर सके। अंसारी ने उनसे बार-बार बैठने की अपील की लेकिन वे अनसुनी करते रहे। इस पर सभापति ने उनको तेज स्वर में बैठने का निर्देश दिया और उनका भाषण रिकॉर्ड में नहीं जाने के निर्देश दिए। 
 
राव और त्यागी दोनों सदस्य सदन की कार्यवाही के दौरान बहुत मुखर रहे हैं और अक्सर शोर-शराबे का कारण बनते रहे हैं। (वार्ता)

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