सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि म्यामांर के सशस्त्र जातीय समूहों और सरकारी बलों के बीच लड़ाई से उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर वहां के लगभग 416 सैनिक भारत में आ गए थे। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना घटनाक्रम पर 'बारीकी से नजर' रख रही है।
सेना दिवस से पहले एक प्रेस कॉन्फेंस में कहा कि जनरल पांडे ने भारत-म्यामांर सीमा के पास की स्थिति को 'चिंताजनक' बताया और कुछ विद्रोही समूह उस देश के सीमांत क्षेत्र में दबाव महसूस कर रहे हैं और मणिपुर में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत-म्यामांर सीमा पर स्थिति पर हम करीबी नजर रख रहे हैं। अधिकारियों ने कहा कि म्यामांर के सभी 416 सैन्य कर्मियों को वापस भेजा जा चुका है।
कथित तौर पर जुंटा (सैन्य सरकार) विरोधी समूहों ने भारत के साथ म्यामांर की सीमा के पास कई प्रमुख शहरों, सैन्य ठिकानों पर नियंत्रण कर लिया है और अस्थिर स्थिति ने म्यामांर के कई नागरिकों को मिजोरम में शरण लेने के लिए मजबूर किया है।
उन्होंने कहा कि वे (भारत-म्यामां सीमा पर स्थिति) हमारे लिए चिंता का विषय है। आप पिछले कुछ महीनों में म्यामांर सेना और जातीय सशस्त्र संगठनों तथा पीडीएफ (पीपुल्स डिफेंस फोर्सेज) की गतिविधियों से अवगत हैं।
जनरल पांडे ने कहा कि भारत-म्यामांर सीमा पर स्थिति चिंताजनक है क्योंकि कुछ विद्रोही समूह भी हैं, जो दबाव महसूस कर रहे हैं और अब मणिपुर राज्य में सीमा के हमारी ओर आने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मणिपुर की स्थिति के साथ मिलकर हम इस पर कड़ी नजर रख रहे हैं। भाषा