जानबूझकर कम कैलोरी ले रहे हैं केजरीवाल, LG की टिप्पणी पर भड़के संजय सिंह

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शनिवार, 20 जुलाई 2024 (14:28 IST)
LG VK Saxena accuses CM Arvind Kejriwal: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आरोप लगाया है कि न्यायिक हिरासत के तहत तिहाड़ जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उन्हें दी जा रही भोजन की चिकित्सकीय खुराक और दवाएं संभवत: जानबूझकर नहीं ले रहे। इस पर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि ये क्या मजाक कर रहे हैं एलजी साहब? 
 
एलजी का मुख्य सचिव को खत : उपराज्यपाल ने मुख्य सचिव नरेश कुमार को लिखे पत्र में केजरीवाल के स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में जेल अधीक्षक की रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री द्वारा जानबूझकर कम कैलोरी लिए जाने के कई उदाहरण हैं, जबकि उन्हें घर का बना खाना पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराया जा रहा है। ALSO READ: केजरीवाल के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रही है BJP, AAP नेता आतिशी के आरोप, क्या बोला तिहाड़ जेल प्रशासन
 
उपराज्यपाल कार्यालय ने कहा कि सक्सेना ने जेल प्राधिकारियों को सुझाव दिया है कि वे मुख्यमंत्री को निर्धारित आहार के अलावा दवा और इंसुलिन की तय खुराक लेने की सलाह दे सकते हैं, क्योंकि केजरीवाल ‘टाइप-2’ मधुमेह से पीड़ित हैं।
 
आप ने लगाया साजिश का आरोप : आम आदमी पार्टी ने भाजपा और उसकी अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर जेल में बंद केजरीवाल के स्वास्थ्य को स्थायी नुकसान पहुंचाने की ‘साजिश’ रचने का आरोप लगाया है और दावा किया है कि आप प्रमुख का वजन कम हो गया है तथा उनके रक्त शर्करा स्तर में गिरावट आई है। ALSO READ: CBI केस में केजरीवाल को बड़ा झटका, 25 जुलाई तक न्यायिक हिरासत बढ़ी
 
पार्टी ने यह भी दावा किया कि केजरीवाल कोमा में भी जा सकते हैं और उनके मस्तिष्क को भी क्षति हो सकती है, क्योंकि उनका रक्त शर्करा स्तर एक रात में 5 बार 50 मिलीग्राम/डीएल तक गिर गया था। उपराज्यपाल द्वारा मुख्य सचिव को लिखे गए पत्र के अनुसार, आहार निगरानी चार्ट से पता चलता है कि छह जून से 13 जुलाई के बीच मुख्यमंत्री ने दिन में तीन बार आहार के लिए निर्धारित पूरी खुराक का सेवन नहीं किया।
 
केजरीवाल कर रहे हैं कम कैलोरी का सेवन : पत्र में कहा गया है कि रिपोर्ट में वजन में कमी (आत्मसमर्पण की तिथि दो जून, 2024 को वजन 63.5 किलोग्राम था लेकिन अब 61.5 किलोग्राम रह गया है) का भी संकेत मिलता है। प्रथम दृष्टया, इसका कारण कम कैलोरी सेवन प्रतीत होता है। इसमें कहा गया है कि ऐसा प्रतीत होता है कि 18 जून को उन्हें इंसुलिन नहीं दिया गया था या जेल प्राधिकारियों ने रिपोर्ट में इसका उल्लेख नहीं किया था।
 
उपराज्यपाल कार्यालय ने कहा कि अधिकतर दिनों में ‘ग्लूकोमीटर’ जांच की रीडिंग और लगातार ग्लूकोज निगरानी तंत्र (सीजीएमएस) की रीडिंग के बीच भी काफी अंतर हैं। उन्होंने कहा कि दोपहर के भोजन से पहले केजरीवाल की ‘ग्लूकोमीटर रीडिंग’ 104 एमजीएल थी, जबकि 19 जून को दोपहर साढ़े 12 बजे दोपहर के भोजन से पहले ‘सीजीएमएस रीडिंग’ 82 एमजीएल थी।
 
उसने कहा कि ग्लूकोमीटर जांच रीडिंग और सीजीएमएस रीडिंग के बीच स्पष्ट अंतर को सक्षम चिकित्सा अधिकारियों द्वारा सत्यापित किए जाने की आवश्यकता है। उपराज्यपाल कार्यालय के अनुसार, मुख्यमंत्री ने 6 जुलाई को तीनों समय निर्धारित आहार नहीं लिया और उन्हें नाश्ते से पहले 5 यूनिट इंसुलिन, दोपहर के भोजन से पहले 4 यूनिट और रात के खाने से पहले 2 यूनिट इंसुलिन दी गई। 
 
जेल रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया कि 7 जुलाई को फिर से निर्धारित खुराक नहीं ली गई और उस दिन नाश्ते से पहले 5 यूनिट और दोपहर के भोजन से पहले चार यूनिट इंसुलिन दी गईं तथा ‘मुख्यमंत्री ने रात के खाने से पहले इंसुलिन लेने ने इनकार कर दिया।
 
क्या कोई खुद अपनी शुगर कम करेगा? : दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह उपराज्यपाल पर निशाना साधते हुए एक्स पर लिखा- ये क्या मजाक कर रहे हैं एलजी साहब? क्या कोई आदमी ख़ुद की रात में शुगर कम करेगा? जो कि बहुत खतरनाक है। एलजी साहब बीमारी के बारे में पता नहीं तो आपको ऐसा लेटर नहीं लिखना चाहिए। ईश्वर ना करें कभी आप के साथ ऐसा समय आए। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala

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