राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भगवत द्वारा केरलवासियों को राष्ट्रवाद की सीख लेने की सलाह देने पर पलटवार करते हुए केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने कहा कि केरलवासियों को ऐसे लोगों से राष्ट्रवाद की सीख लेने की कोई आवश्यकता नहीं है जिन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान अपनी पीठ दिखाई और अंग्रेजों की मदद की।
दरअसल संघ प्रमुख ने दशहरे के मौके पर अपने भाषण में विजयन सरकार पर राष्ट्र विरोधी तत्व के समर्थन का आरोप लगाया था, जिसके बाद सोमवार को विजयन ने फेसबुक पोस्ट के जरिये जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है, केरल कई महापुरुषों की जन्मभूमि है, जिन्होंने देश के स्वंतत्रता संग्राम में समर्पित योगदान दिया है।
विजयन ने लिखा, 'स्वतंत्रता संग्राम में केरलवासियों का योगदान स्मरणीय है। स्वतंत्रता आंदोलन को पीठ दिखाकर ब्रिटिश हुकूमत को गले लगाने वाला आरएसएस केरलवासियों को राष्ट्रवाद का पाठ ना पढ़ाएं।' केरल को धर्मनिरपेक्ष राज्य बताते हुए विजयन ने कहा कि वामपंथी विचारधारा ही राज्य में धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा दे रही है।
विजयन के इस बयान पर पलटवार करते हुए संघ विचारक राकेश ने ट्वीट किया, पिनाराई विजयन आग से खेल रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि मोहन भागवत की चेतावनी के बाद भी अगर केरल सरकार ने जिहादियों का साथ नहीं छोड़ा, तो परिणाम अच्छा नहीं होगा।
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने विजयन की आलोचना करते हुए करते हुए कहा, 'जो खुद खून की राजनीती करते हैं वे दूसरों पर आरोप लगाते हैं। हम इसकी भर्त्सना करते हैं।' इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'अभी हमने 15 फीसदी वोट पाए हैं। आगे ये 30 फीसदी तक होने जा रहा है। इसलिए राज्य सरकार बौखला गई है, लेकिन हम लोग डरेंगे नहीं।'