Key points of Union Budget 2024 : केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केंद्रीय बजट 2024-25 पेश किया। इस बजट की प्रमुख बातें निम्नलिखित हैं :
बजट अनुमान 2024-25 :
ऋण को छोड़कर कुल प्राप्तियां : 32.07 लाख करोड़ रुपए
कुल व्यय : 48.21 लाख करोड़ रुपए
सकल कर प्राप्ति : 25.83 लाख करोड़
वित्तीय घाटा : जीडीपी का 4.9 प्रतिशत।
सरकार का लक्ष्य घाटे को अगले साल 4.5 प्रतिशत से नीचे लाना है।
मुद्रास्फीति कम, स्थाई और 4 प्रतिशत के लक्ष्य की ओर जारी है।
बजट में रोजगार, कौशल, एमएसएमई और मध्य वर्ग पर विशेष ध्यान है
रोजगार और कौशल पर प्रधानमंत्री की 5 योजनाएं
4.1 करोड़ युवाओं के लिए पांच साल में रोजगार-कौशल और अन्य अवसरों के लिए प्रधानमंत्री की पांच योजनाएं और पहल।
1. योजना क- पहली बार वालों के लिए : ईपीएफओ में पंजीकृत पहली बार रोजगार पाने वाले कर्मचारियों को 15 हजार रुपए तक के एक महीने का वेतन जिसे तीन किस्तों में दिया जाएगा।
2. योजना ख- विनिर्माण में रोजगार सृजन : कर्मचारी और नियोक्ता दोनों को सीधे विनिर्दिष्ट स्केल पर प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराना जो नौकरी के पहले चार साल में दोनों के ईपीएफओ योगदान पर निर्भर है।
3. योजना ग- नौकरी देने वाले को मदद : सरकार नियोक्ता को उसके ईपीएफओ योगदान के लिए दो साल तक हर अतिरिक्त कर्मचारी पर 3000 हजार रुपए प्रत्येक महीना भुगतान करेगी।
4. कौशल के लिए नई केन्द्र प्रायोजित योजना
अगले पांच साल की अवधि में 20 लाख युवाओं का कौशल बढ़ाया जाएगा।
1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उन्नयन किया जाएगा।
5. पांच साल में एक करोड़ युवाओं को पांच सौ टॉप कंपनियों में इंटर्नशिप के लिए नई योजना।
विकसित भारत की दिशा में नौ बजट प्राथमिकताएं :
1. कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनीयता
2. रोजगार और कौशल प्रशिक्षण
3. समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय
4. विनिर्माण और सेवाएं
5. शहरी विकास
6. ऊर्जा सुरक्षा
7. अवसंरचना
8. नवाचार, अनुसंधान और विकास, और
9. अगली पीढ़ी के सुधार
प्राथमिकता 1 : कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनीयता
कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए का आवंटन।
किसानों की खेतीबाड़ी के लिए 32 कृषि और बागवानी फसलों की नई 109 उच्च पैदावार वाली और जलवायु अनुकूल किस्में जारी की जाएंगी।
प्रमाण-पत्र और ब्रांडिंग व्यवस्था के साथ अगले दो वर्षों में पूरे देश में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि से जोड़ा जाएगा।
प्राकृतिक खेती के लिए 10,000 आवश्यकता आधारित जैव-आदान संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
तीन साल में किसानों और उनकी जमीन को शामिल करने हेतु कृषि में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) को लागू किया जाएगा।
प्राथमिकता 2 : रोजगार और कौशल प्रशिक्षण
प्रधानमंत्री पैकेज के भाग के रूप में रोजगार संबद्ध प्रोत्साहन के लिए निम्नलिखित 3 योजनाओं योजना क- पहली बार रोजगार पाने वाले, योजना ख- विनिर्माण में रोजगार सृजन, योजना ग- नियोक्ताओं को मदद।
कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए
औद्योगिक सहयोग से महिला छात्रावास और क्रेचों की स्थापना।
महिला केन्द्रित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन
महिला स्वयं सहायता समूह उद्यम को बाजार तक पहुंच को बढ़ाना
कौशल विकास
प्रधानमंत्री के पैकेज के तहत पांच साल की अवधि में 20 लाख युवाओं के कौशल विकास के लिए केन्द्र प्रायोजित नई योजना।
7.5 लाख रुपए तक के ऋण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना।
सरकार की योजनाओं और नीतियों के तहत किसी लाभ के लिए पात्र नहीं होने वाले युवाओं को घरेलू संस्थानों में उच्चतर शिक्षा के लिए 10 लाख रुपए तक के ऋण हेतु वित्तीय सहायता।
प्राथमिकता 3 : समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय
पूर्वोदय
अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे के साथ गया में औद्योगिक केंद्र का विकास।
21,400 करोड़ रुपए की लागत से विद्युत परियोजनाएं आरंभ की जाएंगी जिसमें पिरपैंती में 2400 मेगावाट का नया विद्युत संयंत्र शामिल।
आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम
बहुपक्षीय विकास एजेंसियों के माध्यम से मौजूदा वित्त वर्ष में 15,000 करोड़ रुपए की विशेष वित्तीय सहायता।
विशाखापत्तनम-चेन्नई औद्योगिक गलियारे में कोप्पार्थी क्षेत्र और हैदराबाद–बेंगलुरु औद्योगिक गलियारे में ओरवाकल क्षेत्र में औद्योगिक केन्द्र।
महिलाओं के नेतृत्व विकास
महिलाओं और लड़कियों को फायदा पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए कुल तीन लाख करोड़ रुपए का आवंटन।
प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान
जनजातीय-बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में जनजातीय परिवारों का सामाजिक-आर्थिक विकास, इसमें 63,000 गांवों के 5 करोड़ जनजातीय लोग लाभार्थी होंगे।
उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में बैंक शाखाएं
उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की 100 शाखाएं खोलना।
प्राथमिकता 4 : विनिर्माण और सेवाएं
विनिर्माण क्षेत्र में एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजना
गिरवी या तृतीय पक्ष गारंटी के बिना मशीनरी और उपकरण की खरीद के लिए एमएसएमई को आवधिक ऋण की सुविधा देने के लिए ऋण गारंटी योजना।
संकट की अवधि के दौरान एमएसएमई को ऋण सहायता
एमएसएमई को उनके संकट अवधि के दौरान बैंक ऋण जारी रखने की सुविधा के लिए एक नई व्यवस्था।
मुद्रा लोन
तरुण श्रेणी के अंतर्गत मुद्रा ऋणों की सीमा को उन उद्यमियों के लिए मौजूदा 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रुपए कर दिया जाएगा जिन्होंने पहले के ऋणों को सफलतापूर्वक चुका दिया है।
ट्रेड्स में अनिवार्य रूप से शामिल होने के लिए और अधिक संभावना
खरीदारों को ट्रेड्स प्लेटफॉर्म पर अनिवार्य रूप से शामिल करने के लिए कारोबार की सीमा को 500 करोड़ रुपए से घटाकर 250 करोड़ रुपए कर दिया गया।
फूड इरेडिएशन, गुणवत्ता और सुरक्षा परीक्षण के लिए एमएसएमई इकाइयां
एमएसएमई क्षेत्र में 50 मल्टी-प्रोडक्ट फूड इरेडिएशन इकाइयां स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी।
ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र
एमएसएमई तथा पारंपरिक कारीगरों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपने उत्पादों को बेचने में सक्षम बनाने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड में ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
महत्वपूर्ण खनिज मिशन
घरेलू उत्पादन, महत्वपूर्ण खनिजों की रिसाइक्लिंग और विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज संपदा का अधिग्रहण करने के लिए महत्वपूर्ण खनिज मिशन की स्थापना होगी।
खनिजों का अपतटीय खनन
पहले से किए गए खोज के आधार पर खनन के लिए अपतटीय ब्लॉकों के पहले भाग की नीलामी शुरू होगी।
डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) अनुप्रयोग
ऋण, ई-कॉमर्स, शिक्षा, स्वास्थ्य, विधि और न्याय, लॉजिस्टिक्स, एमएसएमई, सेवा प्रदायगी और शहरी शासन के क्षेत्र में डीपीआई अनुप्रयोगों का विकास।
प्राथमिकता 5 : शहरी विकास
आवागमन उन्मुखी विकास
30 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 14 बड़े शहरों के लिए कार्यान्वयन और वित्त पोषण रणनीति के साथ आवागमन उन्मुखी विकास योजनाएं तैयार की जाएंगी।
शहरी आवास
प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के अंतर्गत, 2.2 लाख करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता सहित 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश से अगले पांच वर्ष में 1 करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की आवास जरूरतों का समाधान किया जाएगा।
स्ट्रीट मार्केट
अगले पांच वर्षों में प्रत्येक वर्ष चुनिंदा शहरों में 100 साप्ताहिक हाट या स्ट्रीट फूड हब के विकास में सहायता के लिए नई योजना।
प्राथमिकता 6 : ऊर्जा सुरक्षा
ऊर्जा परिवर्तन
रोजगार, विकास और पर्यावरण स्थायित्व की आवश्यकता के बीच संतुलन कायम करने के लिए समुचित ऊर्जा परिवर्तन की दिशा में एक नीतिगत दस्तावेज।
पम्प्ड स्टोरेज पॉलिसी
विद्युत भंडारण के लिए पम्प्ड स्टोरेज परियोजनाओं को बढ़ावा देने की एक नीति।
छोटे तथा मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टरों का अनुसंधान और विकास
भारत स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर के अनुसंधान एवं विकास तथा परमाणु ऊर्जा के लिए और भारत स्मॉल रिएक्टर की स्थापना के लिए नई प्रौद्योगिकियों के लिए सरकार निजी क्षेत्र के साथ साझेदारी करेगी।
उन्नत अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट
उन्नत अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल (एयूएससी) प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके परिपूर्ण 800 मेगावाट का वाणिज्यिक संयंत्र स्थापित करने के लिए एनटीपीसी और बीएचईएल के बीच एक संयुक्त उद्यम प्रस्तावित।
हार्ड टू एबेट उद्योगों के लिए रोडमैप
हार्ड टू एबेट उद्योगों को वर्तमान के परफॉर्म, एचीव एंड ट्रेड पद्धति से इंडियन कार्बन मार्केट' पद्धति में परिवर्तित करने के लिए उपयुक्त विनियम।
प्राथमिकता : 7 अवसंरचना
केंद्र सरकार द्वारा अवसंरचना में निवेश
पूंजीगत व्यय के लिए 11,11,111 करोड़ रुपए (जीडीपी का 3.4 प्रतिशत) का प्रावधान।
राज्य सरकारों द्वारा अवसंरचना में निवेश
राज्यों को उनके संसाधन आवंटन में सहायता करने के लिए इस वर्ष भी 1.5 लाख करोड़ रुपए के ब्याज रहित दीर्घावधि ऋण का प्रावधान।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई)
25,000 ग्रामीण बसावटों के लिए बारहमासी सड़क संपर्क उपलब्ध कराने हेतु पीएमजीएसवाई का चरण IV आरंभ किया जाएगा।
सिंचाई और बाढ़ उपशमन
बिहार में कोसी-मेची अंतर्राज्यीय लिंक और अन्य योजनाओं जैसी परियोजनाओं के लिए 11,500 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता।
सरकार बाढ़, भूस्खलन और अन्य संबंधित परियोजनाओं के लिए असम, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम को सहायता प्रदान करेगी।
पर्यटन
विष्णुपद मंदिर गलियारा, महाबोधि मंदिर गलियारा और राजगीर का व्यापक विकास।
ओडिशा के मंदिरों, स्मारक, शिल्प, वन्य जीव अभयारण्य, प्राकृतिक भू-दृश्य और प्राचीन समुद्री तट के विकास हेतु सहायता।
प्राथमिकता 8 : नवाचार, अनुसंधान और विकास
मूलभूत अनुसंधान और प्रोटोटाइप विकास के लिए अनुसंधान नेशनल रिसर्च फंड।
वाणिज्यिक स्तर पर निजी क्षेत्र द्वारा संचालित अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक लाख करोड़ रुपए के वित्तीय पूल व्यवस्था।
अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था
अगले 10 वर्षों में अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को 5 गुणा बढ़ाने पर निरन्तर जोर देते हुए 1,000 करोड़ रुपए की उद्यम पूंजी निधि।
प्राथमिकता 9 : अगली पीढ़ी के सुधार
ग्रामीण भूमि संबंधी कार्य
सभी भू-खण्डों के लिए अनन्य भूखंड पहचान संख्या (यूएलपीआईएन) अथवा भू-आधार
संवर्गीय मानचित्रों का डिजिटलीकरण, वर्तमान स्वामित्व के अनुसार मानचित्र उप-प्रभागों का सर्वेक्षण
भू-रजिस्ट्री की स्थापना, और कृषक रजिस्ट्री से जोड़ना।
शहरी भूमि संबंधी कार्य
शहरी क्षेत्रों में भूमि अभिलेखों को जीआईएस मैपिंग के साथ अंकीकृत किया जाएगा।
श्रमिकों के लिए सेवाएं
ऐसे वन स्टॉप समाधान के लिए ई-श्रम पोर्टल को अन्य पोर्टलों से जोड़ना।
तेजी से बदलते श्रमिक बाजार, कौशल संबंधी जरूरतों और उपलब्ध रोजगार की भूमिकाओं के लिए मुक्त आर्किटेक्चर डाटाबेस।
रोजगार के इच्छुक लोगों को संभावित नियोक्ताओं और कौशल प्रदाताओं के साथ जोड़ने के लिए प्रणाली।
एनपीएस वात्सल्य
नाबालिगों के लिए माता-पिता और अभिभावकों द्वारा योगदान हेतु एक योजना के रूप में एनपीएस वात्सल्य।
अप्रत्यक्ष कर
जीएसटी
जीएसटी की सफलता से उत्साहित होकर जीएसटी के शेष क्षेत्रों तक विस्तार हेतु सरलीकृत एवं तर्कसंगत कर संरचना।
क्षेत्र विशेष के लिए सीमा शुल्क के प्रस्ताव
औषधियां एवं चिकित्सा उपकरण
कैंसर की तीन दवाइयां- ट्रेस्टुजुमाब डिरूक्सटीकेन, ओसिमर्टिनिब और डुर्वालुमैब को सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट।
चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम के तहत एक्सरे ट्यूब और मेडिकल एक्सरे मशीनों में इस्तेमाल हेतु फलैट पैनल डिडेक्टरों पर मूलभूत सीमा शुल्क में बदलाव।
मोबाइल फोन और संबंधित पुर्जे
मोबाइल फोन, मोबाइल प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेम्बली (पीसीबीए) और मोबाइल चार्जर पर मूलभूत सीमा शुल्क को घटाकर 15 प्रतिशत किया गया।
कीमती धातु
सोने और चांदी पर सीमा शुल्क घटाकर 6 प्रतिशत किया गया और प्लेटिनम पर 6.4 प्रतिशत किया गया।
अन्य धातु
लौह, निकेल और ब्लिस्टर तांबे पर मूलभूत सीमा शुल्क हटाया गया।
लौह स्क्रैप और निकेल कैथोड पर मूलभूत सीमा शुल्क हटाया गया।
तांबा स्क्रैप पर 2.5 प्रतिशत रियायती मूलभूत सीमा शुल्क।
इलेक्ट्रॉनिक्स
रेजिस्टरों के विनिर्माण हेतु ऑक्सीजन मुक्त तांबे पर कुछ शर्तों पर मूलभूत सीमा शुल्क हटाया गया।
रसायन एवं पेट्रोकेमिकल्स
अमोनियम नाइट्रेट पर मूलभूत सीमा शुल्क को 7.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत किया गया।
प्लास्टिक
पीवीसी फ्लैक्स बैनरों पर मूलभूत सीमा शुल्क को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया गया।
दूरसंचार उपकरण
विनिर्दिष्ट दूरसंचार उपकरण के पी.सी.बी.ए. पर बीसीडी को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
व्यापार सुविधा
घरेलू विमानन और नाव तथा जलयान के एमआरओ उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मरम्मत के लिए आयात की गई वस्तुओं के निर्यात के लिए समयावधि को छह महीनों से बढ़ाकर एक वर्ष करने का प्रस्ताव।
वारंटी वाली वस्तुओं को मरम्मत के लिए पुनः आयात करने की समय-सीमा को 3 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष करने का प्रस्ताव।
महत्वपूर्ण खनिज
25 महत्वपूर्ण खनिजों को सीमा शुल्क से पूरी तरह छूट।
2 महत्वपूर्ण खनिजों पर बीसीडी को कम करने का प्रस्ताव।
सौर ऊर्जा
सोलर सैल और पैनलों के विनिर्माण में इस्तेमाल होने वाली पूंजीगत वस्तुएं सीमा शुल्क के दायरे से बाहर।
समुद्री उत्पाद
कुछ ब्रूडस्टॉक, पॉलीकीट वॉर्म्स, श्रिम्प और फिश फीड पर बीसीडी को घटाकर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
श्रिम्प और फिश फीड के विनिर्माण में इस्तेमाल होने वाले विभिन्न कच्चे माल को भी सीमा शुल्क से छूट देने का प्रस्ताव।
चमड़ा और कपड़ा
बत्तख या हंस से मिलने वाले रियल डाउन फिलिंग मटेरियल पर बीसीडी को कम करने का प्रस्ताव।
स्पैन्डेक्स यार्न के विनिर्माण के लिए मिथाइलेन डाईफिनाइल डाईआईसोसाएनेट (एमडीआई) पर बीसीडी को कुछ शर्तों के साथ 7.5 से घटाकर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
प्रत्यक्ष कर
करों को सरल बनाने, करदाता सेवाओं में सुधार करने, कर निश्चितता प्रदान करने और मुकदमेबाजी को कम करने के प्रयास जारी रहेंगे।
सरकार की विकास और कल्याणकारी योजनाओं के वित्त पोषण के लिए राजस्व बढ़ाने पर जोर।
वित्त वर्ष 2022-23 में 58 प्रतिशत कॉर्पोरेट टैक्स सरलीकृत कर व्यवस्था द्वारा जमा हुआ। वित्त वर्ष 2023-24 में दो तिहाई से अधिक करदाताओं ने सरलीकृत कर व्यवस्था का लाभ उठाया।
धर्मार्थ संस्थाओं और टीडीएस का सरलीकरण
धर्मार्थ संस्थाओं के लिए कर में छूट की दो व्यवस्थाओं को मिलाकर एक करने का प्रस्ताव।
विभिन्न भुगतानों पर 5 प्रतिशत टीडीएस दर को घटा कर 2 प्रतिशत टीडीएस दर किया जाएगा।
म्युचुअल फंडों या यूटीआई द्वारा यूनिटों की पुनः खरीद पर 20 प्रतिशत टीडीएस दर को समाप्त करने का प्रस्ताव।
ई-कॉमर्स ऑपरेटरों पर टीडीएस दर को 1 प्रतिशत से घटाकर 0.1 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
टीडीएस के भुगतान में विलम्ब को टीडीएस के लिए विवरणी फाइल करने की नियत तारीख तक डिक्रिमिनलाईज करने का प्रस्ताव।
पुनः निर्धारण का सरलीकरण
किसी कर निर्धारण वर्ष के समाप्त होने के तीन से पांच वर्षों के बाद किसी कर निर्धारण को नए सिरे से केवल तभी खोला जा सकेगा जब कर से छूट प्राप्त आय 50 लाख या उससे अधिक हो।
सर्च मामलों में समय सीमा को दस वर्षों की मौजूदा समय सीमा के स्थान पर सर्च के वर्ष से पहले छह वर्ष की समय सीमा करने का प्रस्ताव।
कैपिटल गेन का सरलीकरण और युक्तिकरण
कुछ वित्तीय परिसंपत्तियों के संबंध में लघु अवधि के लाभ पर 20 प्रतिशत कर लगेगा।
सभी वित्तीय और गैर-वित्तीय परिसंपत्तियों पर दीर्घ अवधि के लाभों पर 12.5 प्रतिशत की दर से कर लगेगा।
परिसंपत्तियों पर कैपिटल गेन के छूट की सीमा को बढ़ाकर 1.25 लाख प्रतिवर्ष करने का प्रस्ताव।
करदाता सेवाएं
सीमा शुल्क और आयकर की सभी शेष सेवाओं जिनमें ऑर्डर गिविंग इफेक्ट व रैक्टिफिकेशन सम्मिलित हैं, को अगले दो वर्षों के दौरान डिजिटलीकरण किया जाएगा।
मुकदमेबाजी और अपील
अपील में लंबित कतिपय आयकर विवादों के समाधान के लिए विवाद से विश्वास योजना, 2024 का प्रस्ताव।
टैक्स अधिकरणों, उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में प्रत्यक्ष करों, उत्पाद शुल्क और सेवा कर से संबंधित अपीलों को दायर करने के लिए मौद्रिक सीमाओं को क्रमशः 60 लाख रुपए, 2 करोड़ रुपए और 5 करोड़ रुपए तक बढ़ाने का प्रस्ताव।
अंतरराष्ट्रीय कराधान में मुकदमेबाजी को कम करने और निश्चितता प्रदान करने के लिए सेफ हार्बर नियमों के दायरे का विस्तार।
रोजगार और निवेश
स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को प्रोत्साहित करने के लिए सभी वर्गों निवेशकों के लिए एंजेल टैक्स को समाप्त करने का प्रस्ताव।
भारत में क्रूज पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए घरेलू क्रूज का संचालन करने वाली विदेशी शिपिंग कंपनियों के लिए कर व्यवस्था को सरल करने का प्रस्ताव।
देश में अपरिष्कृत हीरा बेचने वाली विदेशी खनन कंपनियों के लिए सेफ हार्बर दरों का प्रावधान।
विदेशी कंपनियों पर कारपोरेट कर दर को 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
कर आधार का विस्तार
फ्यूचर्स और ऑप्सन्स के विकल्पों पर सिक्यूरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स को बढ़ाकर क्रमशः 0.02 प्रतिशत और 0.1 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
प्राप्तकर्ता के द्वारा शेयरों की पुनः खरीद पर प्राप्त आय पर कर लगेगा।
सामाजिक सुरक्षा लाभ
एनपीएस में नियोजनकर्ता द्वारा किए जा रहे योगदान को कर्मचारी के वेतन के 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
20 लाख रुपए तक की चल परिसंपत्तियों की सूचना न देने को गैर-दांडिक बनाने का प्रस्ताव।
वित्त विधेयक के अन्य प्रमुख प्रस्ताव
2 प्रतिशत के इक्वलाइजेशन लेवी को वापस।
नई कर व्यवस्था के तहत व्यक्तिगत आयकर में बदलाव
वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50,000 रुपए से बढ़ाकर 75,000 रुपए करने का प्रस्ताव।
पेंशनभोगियों के लिए पारिवारिक पेंशन पर कटौती को 15,000 रुपए से बढ़ाकर 25,000 रुपए करने का प्रस्ताव।
कर दरों की संशोधित संरचना :
0-3 लाख रुपए : शून्य
3-7 लाख रुपए : 5 प्रतिशत
7-10 लाख रुपए : 10 प्रतिशत
10-12 लाख रुपए : 15 प्रतिशत
12-15 लाख रुपए : 20 प्रतिशत
15 लाख रुपए से अधिक : 30 प्रतिशत
नई कर व्यवस्था में वेतनभोगी कर्मचारी को आयकर में 17,500 रुपए तक की बचत होगी।