नई दिल्ली। सरकार ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि विश्व विरासत में शामिल होने से पहले किसी स्थल को एक वर्ष के लिए अस्थाई सूची में रखा जाता है और वर्तमान में भारत के 52 स्थल इस सूची में हैं।
लोकसभा में सुमेधानन्द सरस्वती और डॉ. मनोज राजोरिया के प्रश्न के लिखित उत्तर में संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री जी किशन रेड्डी ने यह जानकारी दी। सदस्यों ने राजस्थान सहित देश में केंद्र द्वारा संरक्षित विरासत स्थलों, मंदिरों और स्मारकों का ब्योरा मांगा था।
इस पर, केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने बताया कि देश में 3696 केंद्र संरक्षित स्मारक/स्थल हैं जिनमें राजस्थान के 163 स्मारक/स्थल शामिल हैं। उन्होंने कहा, विश्व विरासत सूची में विरासत स्थलों को शामिल करने की कोई विशिष्ट योजना नहीं है। प्रत्येक संपत्ति का चयन स्थल के बारे में उपलब्ध डोजियर की गुणवत्ता के अतिरिक्त उसके उत्कृष्ट सार्वभौमिक मूल्य, प्रामाणिकता और अखंडता के आधार पर किया जाता है।
यह यूनेस्को के परिचालनात्मक दिशानिर्देश 2021 के अनुसार होता है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि विश्व विरासत में शामिल होने से पहले किसी स्थल को एक वर्ष के लिए अस्थाई सूची में रखा जाना होता है और वर्तमान में भारत के 52 स्थल अस्थाई सूची में हैं जिनमें राजस्थान के दो स्थान शामिल हैं।
रेड्डी द्वारा लोकसभा में पेश किए गए आंकड़े के अनुसार, पिछले तीन वर्ष 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के दौरान टिकट वाले संरक्षित स्मारकों में 8.76 करोड़ पर्यटक आए और इस अवधि में प्रवेश टिकटों की बिक्री से 486 करोड़ रुपए राजस्व अर्जित किया गया।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)