राहुल गांधी ने ली लिंगायत संप्रदाय की दीक्षा, मठ के महंत बोले- कांग्रेस नेता बनेंगे प्रधानमंत्री

Webdunia
गुरुवार, 4 अगस्त 2022 (00:16 IST)
बेंगलुरु। लिंगायत मठ के एक महंत ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि राहुल गांधी भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे। हालांकि मुख्‍य महंत को यह भविष्यवाणी रास नहीं आई और उन्होंने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि यह सब कहने के लिए यह उचित स्थान नहीं है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इस समय कर्नाटक के दौरे पर हैं। 
 
राहुल ने इस दौरान उन्होंने कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार और केसी वेणुगोपाल के साथ चित्रदुर्ग में श्री मुरुघा मठ का दौरा किया। उन्होंने यहां मुरुगा मठ के महंत से लिंगायत संप्रदाय की दीक्षा भी ली। इस दौरान महंत हावेरी होसामुत्त स्वामी ने कहा कि इंदिरा गांधी और राहुल गांधी प्रधानमंत्री थे और आने वाले समय में राहुल गांधी भी प्रधानमंत्री बनेंगे। 
 
मठ के अध्यक्ष शिवमूर्ति मुरुघशरणारू ने होसामुत्त स्वामी के बयान का बचाव करते हुए कहा कि मठ में आने वाले सभी लोगों को आशीर्वाद दिया जाता है। उन्होंने कहा कि यह सब कहने के लिए यह उचित मंच नहीं है। इसका फैसला लोग करेंगे। मुरुगा मठ के महंत शिवमूर्ति ने राहुल को लिंगायत संप्रदाय की दीक्षा दी। राहुल ने ट्‍वीट कर कहा कि यह सम्मान की बात है कि श्री जगदगुरु मुरुगाराजेंद्र विद्यापीठ का दौरा किया और शिवमूर्ति से ईष्टलिंग दीक्षा ली।
कांग्रेस पूरी तरह एकजुट : सिद्धारमैया को शिवकुमार द्वारा सम्मानित किए जाने के बाद समारोह में उपस्थित कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि आज मुझे मंच पर सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार को गले मिलते देखकर खुशी हुई। गांधी ने कहा कि शिवकुमार ने कांग्रेस संगठन के लिए काफी काम किया है। गांधी ने एक प्रकार से चुनावी बिगुल बजाते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी कर्नाटक में भाजपा और आरएसएस को हराने के लिए पूरी तरह से एकजुट है।
 
उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में आएगी तो वह ‘निष्पक्ष और ईमानदार’ सरकार देगी, जो राज्य के भविष्य के लिए काम करेगी, न कि नफरत फैलाने का काम। राज्य के तटीय इलाके में पिछले कुछ दिनों में कथित सांप्रदायिक बयानों के कारण हुई तीन हत्याओं का जिक्र करते हुए गांधी ने कहा कि कर्नाटक में अतीत में ऐसी घटनाएं नहीं हुई हैं। गांधी ने कहा कि जब हम अमेरिका में लोगों से पूछते हैं कि वे आज कर्नाटक के बारे में क्या सोचते हैं तो वे आपसे कहेंगे कि कर्नाटक में आज की तरह की हिंसा पहले कभी नहीं हुई। 
 

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