नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि बैंकों ने अब तक सूक्ष्म, लघु एवं मझौले उद्यमों (एमएसएमई) के लिए 3 लाख करोड़ रुपए के आपात ऋण सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत 75,000 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है। 1 जून से शुरू शत-प्रतिशत गारंटी वाली इस योजना के तहत अब तक 32,894.86 करोड़ रुपए वितरित किए जा चुके हैं।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए पिछले महीने 20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत पैकेज की घोषणा की थी। इस पैकेज का सबसे बड़ा हिस्सा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) के लिए घोषित 3 लाख करोड़ रुपए की आपातकालीन ऋण सुविधा गारंटी योजना है।
सीतारमण ने ट्विटर पर लिखा है कि सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंकों ने 100 प्रतिशत आपातकालीन ऋण सुविधा गारंटी योजना के तहत अब तक 75,426.39 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है जिसमें से 32,894.86 करोड़ रुपए वितरित किए जा चुके हैं। वित्त मंत्रालय के आंकड़े में सार्वजनिक क्षेत्र के 12 और निजी क्षेत्र के 16 बैंकों के आंकड़े शामिल हैं।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि इसमें से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अब तक 42,739.12 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं जिसमें से 22,197.54 करोड़ रुपए वितरित किए जा चुके हैं, वहीं निजी क्षेत्र के बैंकों ने 32,687.27 करोड़ रुपए मंजूर किए जबकि अब तक 10,697.33 करोड़ रुपए वितरित किए गए। (भाषा)