कंपनी ने एक बयान में कहा कि पिछले साल ईंधन विपणन कारोबार में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी ब्रिटेन की बीपी को 7,000 करोड़ रुपए में बेचने और हाल में हासिल निवेश से कंपनी ने कुल 1.75 लाख करोड़ रुपए की राशि जुटाई है।
बयान के मुताबिक रिलायंस पर 31 मार्च 2020 की समाप्ति पर 1,61,035 करोड़ रुपए का शुद्ध ऋण था। इस निवेश के साथ ही रिलांयस का शुद्ध ऋण शून्य हो गया है।
देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी रिलायंस जियो, जियो प्लेटफॉर्म्स का ही हिस्सा है। कंपनी ने फेसबुक, सिल्वर लेक, विस्टा इक्विटी पार्टनर्स, जनरल एटलांटिक, केकेआर, मुबाडला, एडीआईए, टीपीजी, एल कैटेरटन और पीआईएफ जैसे वैश्विक प्रौद्योगिकी निवेशकों से 22 अप्रैल 2020 से अब तक 1,15,693.95 करोड़ रुपए की राशि जुटाई है।
बयान में कहा गया है कि 18 जून को सऊदी अरब के पीआईएफ के 11,367 करोड़ रुपये में जियो प्लेटफॉर्म्स की 2.32 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के साथ ही कंपनी के साथ वित्तीय सहयोगी जोड़ने का मौजूदा चरण खत्म हो गया है।
इसी के साथ-साथ रिलायंस इंडस्ट्रीज ने देश का सबसे बड़ा राइट्स इश्यू भी जारी किया। इसे 1.59 गुना अधिक अभिदान मिला। इस निर्गम का आकार 53,124 करोड़ रुपये रहा। हालांकि कंपनी को अभी इसका मात्र 25 प्रतिशत ही मिला है। शेष राशि का भुगतान अगले वित्त वर्ष में किया जाएगा।