रेलवे के अनुदान मांगों पर 13 घंटे छह मिनट, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की अनुदान मांगों पर सात घंटे 44 मिनट, ग्रामीण विकास, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की अनुदान मांगों पर नौ घंटे 13 मिनट, खेल एवं युवा मामलों पर चार घंटे 14 मिनट चर्चा हुई।
उन्होंने कहा कि इस सत्र में 33 विधेयक पेश किए गए और 36 विधेयक पारित किए गए। वर्ष 1952 से लेकर अब तक किसी भी सत्र में इतने विधेयक पारित नहीं हुए। वर्ष 1952 में पहली लोकसभा के पहले सत्र में सर्वाधिक 24 विधेयक पारित हुए थे। उन्होंने कहा कि पारित होने वाले विधेयकों में तीन तलाक विधेयक, मोटर वाहन संशोधन विधेयक, राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग विधेयक, बाँध सुरक्षा विधेयक, लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण का विधेयक, उभयलिंगी अधिकार विधेयक, सरोगेसी विनियमन विधेयक, अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र बनाने संबंधी विधेयक प्रमुख है।
बिरला ने कहा कि इस दौरान 183 तारांकित प्रश्नों के उत्तर दिए गए जबकि 1086 अविलंब लोक महत्व के मुद्दे उठाए गए। मंत्रियों के 35 वक्तव्य हुए तथा 1719 दस्तावेज सदन के पटल पर रखे गए। गैर सरकारी सदस्यों के 118 विधेयक प्रस्तुत किए गए। उन्होंने कहा कि 17वीं लोकसभा में पहली बार हुए निर्वाचित सभी 265 सदस्यों में से 229 सदस्यों को शून्यकाल में बोलने का अवसर मिला। अठ्ठारह जुलाई को सर्वाधिक 161 सदस्यों ने शून्यकाल में मामले उठाये।