राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सदन में धन्यवाद प्रस्ताव पेश करते हुए जोशी ने रानी पद्मावती के जौहर का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि इससे बड़ा कोई बलिदान नहीं हो सकता। उनकी टिप्पणी पर द्रमुक सदस्यों समेत कुछ अन्य विपक्षी नेताओं ने जमकर हंगामा किया और भाजपा सदस्य पर सती प्रथा का समर्थन करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि इतिहास में मीरा से बड़ा भक्त नहीं, पद्मावती से बड़ा बलिदान नहीं। एक पत्थर लगा दिया गया जिसमें लिखा था कि अलाउद्दीन खिलजी ने आइने में रानी को देखा था। खिलजी को चेहरा नहीं दिखाना पड़े, इसलिए रानी पद्मावती ने जौहर किया था। उनकी बात पर विपक्ष के सदस्य फिर विरोध करने लगे। जोशी ने कहा कि कुछ सदस्यों को शायद हिंदी समझ में नहीं आ रही होगी।
जोशी ने अपनी बात रखते हुए कहा, 'छप्पन इंच सीने वाले प्रधानमंत्री हों और अमित शाह जैसे गृह मंत्री हों, वहां रक्त की एक बूंद बहाये बिना जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए हटा दिया गया....दुनिया ने युद्ध दिया, हमने दुनिया को बुद्ध दिया।'