प्रदेश के कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा, भगवान श्रीराम की नगरी के रूप में अयोध्या देश एवं विदेश में रहने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। अयोध्या पर राज्य सरकार की योजना को समझाते हुए श्रीकांत शर्मा ने कहा, योजना के तहत अयोध्या में पर्यटन विकास एवं सौंदयीकरण के अंतर्गत पर्यटन आकर्षण की दृष्टि से भगवान श्रीराम पर आधारित डिजिटल म्यूजियम, इंटरप्रेटेशन सेंटर, लाइब्रेरी, पार्किंग, फूड प्लाजा, लैंडस्केपिंग एवं श्रीराम प्रतिमा तथा अन्य मूलभूत पर्यटक सुविधाओं का सृजन प्रस्तावित है।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सतर पर अयोध्या की ब्रांडिंग के लिए गुजरात में स्थापित लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा से प्रेरणा ग्रहण की गई है। शर्मा ने बताया कि योजना के लिए अयोध्या के जिलाधिकारी द्वारा ग्राम मीरापुर द्वाबा, परगना हवेली अवध, तहसील सदर में कुल 61.3807 हेक्टेयर भूमि की खरीद के लिए कुल 4,47,46,27,586 रुपए का प्रस्ताव उपलब्ध कराया गया है। इसे मंत्रि परिषद ने मंजूरी दे दी है।
उन्होंने बताया कि इस योजना के लिए मृदा परीक्षण, विन्डटनल टेस्ट, डिजाइन डेवलपमेंट, डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) एवं स्थल विकास आदि कार्यों के लिए अनुमानित धनराशि 200 करोड़ रुपए की व्यवस्था कराया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि योजना हेतु गुजरात मॉडल के आधार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में ट्रस्ट के गठन, नियम व उप नियमों के निर्धारण एवं सोसाइटी एक्ट में पंजीकरण कराए जाने का निर्णय मंत्रि परिषद की 2 मार्च को हुई बैठक में लिया जा चुका है।
मंत्री, जो राज्य सरकार के प्रवक्ता भी हैं, ने बताया कि प्रयोजना के प्रकल्प, निर्माण एवं प्रबंधन आदि से संबंधित कार्यों के सुचारू संपादन हेतु हाईपावर कमेटी, बिड इवैल्यूएशन कमेटी, स्टीयरिंग कमेटी एवं टेक्नीकल-एक्सपर्ट कमेटी आदि समितियों का गठन किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि योजना के अंतर्गत प्रस्तावित भगवान श्रीराम की प्रतिमा के निर्माण से संबंधित धनराशि का वहन सीएसआर फंड तथा दान आदि के माध्यमों से कराया जाएगा।