नागरिकता कानून के विरोध की आग मध्य प्रदेश तक पहुंच जाने के बाद अब पूरे प्रदेश में पुलिस प्रशासन हाईअलर्ट पर है। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद जबलपुर में हिंसक प्रदर्शन होने के बाद 4 थाना क्षेत्रों के कफर्यू लगाने के बाद पुलिस ने कानून व्यवस्था के तहत पूरे जिले में इंटरनेट सेवा बंद कर दी है। वहीं कानून व्यवस्था को देखते हुए आज जिले के सभी स्कूल कॉलेज और आंगनवाड़ियों में छुट्टी का एलान कर दिया गया है।
जबलपुर एसपी अमित सिंह ने वेबदुनिया को बताया कि पूरे जबलपुर में शांति का माहौल है। जिले में किसी भी थाना क्षेत्र से हिंसा की कोई भी ताजा सूचना नहीं मिली है। वेबदुनिया से बातचीत में एसपी अमित सिंह ने कहा शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा में 20 पुलिसकर्मी घायल हुए है वहीं उन्होंने उन अफवाहों को भी नाकार दिया जिसमें लोगों के बड़ी संख्या में घायल होने की बात कही जा रही थी। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को हुई हिंसा में लोगों की तरफ से जो पथराव हुआ उसमें बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी घायल हुए है।
वेबदुनिया से बातचीत में एसपी अमित सिंह ने कहा कि शुक्रवार को जिन चार थाना क्षेत्रों में कफर्यू लगाया गया था वहां पर पूरी तरह शांति बनी हुई है और आज शाम तक स्थिति की समीक्षा करने के बाद ढील भी दी जा सकती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था के मुद्देनजर पूरे जिले में इंटरनेट सेवा पूरी तरह बंद है ।
भोपाल में शांतिपूर्ण रहा प्रदर्शन – वहीं राजधानी भोपाल में CAA और NRC के विरोध में शुक्रवार को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन हुआ। जुमे की नमाज के बाद मोती मस्जिद के पास बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इकट्ठा होकर नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में युवाओं ने केंद्र सरकार कानून को वापस लेने की मांग करते हुए इसे सरकार की असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की साजिश करार दिया।
वेबदुनिया से बातचीत में युवा प्रदर्शनकारी सूफियान सिद्दीकी ने कहा कि CAA और NRC को काला कानून बताते हुए कहा इसे मुसलमानों पर थोपने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने इस देश को तोड़ने वाला कानून बताते हुए कहा कि संघ और भाजपा की साजिश करार दिया है। वहीं प्रदर्शनकारियों ने इस नोटबंदी जैसा फैसला करार देते हुए कहा कि आज बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान के बचाने की लड़ाई वह लड़े रहे है।
एक ओर जहां देश के अन्य राज्यों में विरोध प्रदर्शन हिंसक हो जाता है वहीं गंगा जमुनी तहज़ीब के शहर भोपाल में हुए विरोध प्रदर्शन में लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी तो खूब की लेकिन पूरी तरह शांति बनाए रखते हुए लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रखी। इस विरोध प्रदर्शन में भोपाल के पुलिस प्रशासन को भी बहुत अहम रोल रहा। भोपाल डीआईजी इरशाद वली और कलेक्टर तरुण पिथौड़े ने खुद आगे बढकर प्रदर्शन में शामिल लोगों से बातचीत की जिसके बाद करीब तीन घंटे चला प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से खत्म हुआ है। कलेक्टर तरुर पिथौड़े ने लोगों से किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान देते हुए कानून व्यवस्था बनाए रखने में प्रशासन का सहयोग करने की अपील की है।