संकट में उद्धव सरकार, 4 दिन में जारी हुए हजारों करोड़ के GR, क्यों मची होड़?
शुक्रवार, 24 जून 2022 (14:21 IST)
मुंबई। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना नीत महा विकास आघाड़ी (MVR) गठबंधन भले ही अस्तित्व के संकट से दो-चार हो रहा है लेकिन सरकार के कई विभागों ने पिछले 4 दिन में हजारों करोड़ रुपए के विभिन्न विकास कार्यों के लिए कोष जारी करने के आदेश दिए हैं। महाराष्ट्र की एमवीए सरकार में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस शामिल है।
शिवसेना के मंत्री एकनाथ शिंदे के पार्टी के खिलाफ बागी रुख अपनाने के बाद राज्य में सत्तारूढ़ एमवीए सरकार पर मंडरा रहे खतरे के बीच कई विभागों ने कोष जारी करने संबंधी सरकारी आदेश जारी किए हैं। ये आदेश सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद हैं। 20 से 23 जून के बीच विभागों ने 182 सरकारी आदेश (जीआर) जारी किए, जबकि 17 जून को उन्होंने 107 ऐसे जीआर पारित किए।
महाराष्ट्र की एमवीए सरकार 2019 में सत्ता में आने के बाद से, अभी तक के सबसे खराब दौर से गुजर रही है। शिवसेना के वरिष्ठ मंत्री एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के कुछ बागी विधायकों के साथ भाजपा शासित असम में डेरा डाले हैं।
हालांकि शिंदे का विद्रोह 21 जून को सुबह सभी के सामने आया, लेकिन उनकी बढ़ती बेचैनी को शिवसेना के सहयोगी राकांपा और कांग्रेस ने पहले ही भांप लिया था। राकांपा के प्रमुख शरद पवार ने भी दावा किया है कि उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को शिंदे और कुछ अन्य विधायकों के बागी रुख अपनाने को लेकर पहले ही आगाह किया था।
उन्होंने बताया कि सत्तारूढ़ सहयोगी के लिए आने वाली चुनौतियों को पहले ही भांप लेने के बाद, इन दलों द्वारा नियंत्रित राज्य के विभागों में जीआर जारी करने की होड़ नजर आई।
शिवसेना के गुलाबराव पाटिल के नियंत्रण वाले जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग ने 17 जून को एक ही दिन में 84 से अधिक जीआर जारी किए। इनमें से अधिकतर आदेश धन की मंजूरी, प्रशासनिक मंजूरी और विभिन्न जलापूर्ति योजनाओं पर काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन से संबंधित थे। पाटिल शिवसेना के उन आखिरी विधायकों में से हैं, जिन्होंने गुवाहाटी पहुंचकर शिंदे से हाथ मिला लिया है।
जीआर, विकास संबंधी कार्यों के लिए कोष जारी करने की मंजूरी देने वाला एक अनिवार्य अनुमोदन आदेश होता है। आंकड़ों के अनुसार, 20 से 23 जून के बीच, सोमवार को सबसे कम 28 जीआर जारी किए गए। अगले दिन 21 जून को 66 जीआर जारी किए गए। पिछले दो दिन में 22 और 23 जून को सरकार ने क्रमश: 44 और 43 आदेश जारी किए।
सोमवार से राकांपा और कांग्रेस के नियंत्रण वाले विभागों में जीआर जारी करने की होड़ मच गई और इस अवधि में जारी 182 आदेशों में से 70 प्रतिशत से अधिक आदेश इन दलों द्वारा नियंत्रित विभागों ने ही जारी किए।
राकांपा द्वारा नियंत्रित सामाजिक न्याय, जल संसाधन, कौशल विकास, आवास विकास, वित्त और गृह जैसे विभागों ने अधिकतम जीआर जारी किए हैं। कांग्रेस द्वारा नियंत्रित आदिवासी विकास, राजस्व, पीडब्ल्यूडी, स्कूली शिक्षा, ओबीसी और मत्स्य पालन आदि विभागों ने भी कुछ जीआर जारी किए। निर्दलीय विधायक एवं मंत्री शंकरराव द्वारा नियंत्रित मृदा एवं संरक्षण विभाग ने लगभग 20 आदेश पारित किए।
आंकड़ों के अनुसार, पिछले चार दिन में शिवसेना द्वारा नियंत्रित विभागों ने कुछ ही जीआर जारी किए। ये जीआर मंत्री सुभाष देसाई द्वारा नियंत्रित उद्योग विभाग, मराठी भाषा विभाग और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे द्वारा नियंत्रित पर्यटन विभाग की ओर से जारी किए गए, लेकिन इन तीन के अलावा शिवसेना द्वारा नियंत्रित किसी अन्य विभाग ने कोई जीआर जारी नहीं किया।
कांग्रेस द्वारा नियंत्रित राज्य आदिवासी विकास विभाग द्वारा कुल 1,000 करोड़ रुपए से अधिक के जीआर जारी किए गए। राज्य के उप मुख्यमंत्री एवं राकांपा नेता अजीत पवार के नियंत्रण वाले वित्त विभाग की ओर से जारी एक जीआर के बाद स्थानीय क्षेत्र विकास कोष बढ़कर कुल 319 करोड़ रुपये हो गया है।