देश के सबसे बड़े आयुध डिपो में साजिश की आग!.

मंगलवार, 31 मई 2016 (13:54 IST)
वर्धा। महाराष्ट्र के वर्धा में नागपुर से करीब 110 किमी दूर सेना के सबसे बड़े ऑर्डिनेंस डिपो में भीषण हादसे में 17 जवानों की दर्दनाक मौत हो गई है। पुलगांव स्थित इस डिपो में हुए हादसे में मरने वालों में 2 अफसर सहित रक्षा सुरक्षा कोर (डीएससी) के 20 जवान शामिल हैं। इसके अलावा 19 लोग जख्मी हुए हैं। रात 1.30 से 2 बजे के बीच गोला-बारूद फटने से यह हादसा हुआ। विस्फोट की तीव्रता इतनी अधिक थी कि लोगों के घरों के शीशे तक फूट गए। सूत्रों के मुताबिक हादसे के पीछे साजिश की आशंका से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। 
ANI
देर रात गोला-बारूद में आग लगने से विस्फोट शुरू हो गए और रह-रहकर विस्फोटों की आवाजें आती रहीं। इसके साथ ही भयानक आग लग गई, जिसने आसपास के समूचे क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया। यह आग डिपो के कई शेडों में फैल गई जहां हथियार, बम और अन्य विस्फोटक सामान रखा होता है। घटना के बाद पास के गांवों के निवासियों को वहां से बाहर निकाला गया और घायल सुरक्षा कर्मियों को बाहर निकालने में मदद के लिए सेना के हेलीकॉप्टर लगाए गए। महाराष्ट्र सरकार के तीन मंत्री भी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। खबरों के मुताबिक सेना प्रमुख दलबीर सिंह सोहाग भी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। 

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सैन्य अधिकारी ने आग लगने के कारणों के बारे में बताने से इनकार करते हुए कहा कि एक शेड में लगी मुख्य आग पर काबू पा लिया गया है। स्थिति को स्थिर बनाए रखने की कोशिश की जा रही है। इस घटना के कारण और कहीं आग लगने या विस्फोट होने की संभावना से अभी इंकार नहीं किया जा सकता। सेना ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। पुलगांव स्थित केंद्रीय आयुध डिपो भारत ही नहीं एशिया का दूसरा सबसे बड़ा आयुध डिपो है। विभिन्न कारखानों से बने हथियार पहले यहां आते हैं और इसके बाद इसे विभिन्न अग्रिम इलाकों में वितरित किया जाता है। 
 
सेना के सबसे बड़े‍ डिपो में अग्निकांड की जानकारी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दी गई तब उन्होंने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को घटनास्थल पहुंचने को कहा। आसपास के इलाके को खाली करा लिया गया है और लोगों को पास के गांवों में शिफ्ट करा दिया गया है। रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने पीड़ितों के प्रति संवेदना प्रकट की। पीएम मोदी ने ट्वीट किया है- 
 
 'पुलगांव, महाराष्ट्र के सेंट्रल एम्युनिशन डिपो में आग से गई जानों से आहत हूं। मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। घायलों के जल्द ठीक होने की प्रार्थना करता हूं।' 
 
    Pained by loss of lives caused by a fire at central ammunition depot in Pulgaon, Maharashtra. My thoughts are with the bereaved families.
 
    — Narendra Modi (@narendramodi) May 31, 2016
 
    I pray that those who are injured recover quickly. Have asked RM @manoharparrikar to visit the spot & take stock of the situation.
 
    — Narendra Modi (@narendramodi) May 31, 2016
 
हादसों रक्षा विशेषज्ञ प्रफुल्ल बख्शी का कहना है कि गर्मी के मौसम में इस तरह के हादसे की आशंकाए होती हैं। हथियारों को स्टोर रखकर उनका इस्तेमाल करना बडा मुश्किल काम है लेकिन सरकारें इन्हें गंभीरता से नहीं लेतीं। इनकी विध्वंसक क्षमता बहुत ज्यादा होती है। ऐसे हादसों के बाद जिन कदमों की सिफारिश होती है उन्हें तवज्जो नहीं दी जाती है, दबाव डाला जाता है, शॉर्टकट अपनाए जाते हैं।
 
एक स्थानीय नागरिक रवि ने कहा कि हमें रात 11.30 बजे हादसे का पता चला। आग दिखाई दे रही थी। मेरा अपना भतीजा घायल हुआ, उसकी गर्दन की हड्डी टूट गई है, उसको टांके लगे हैं। घटना के बाद से समीवर्ती सेवाग्राम और सवांगी के डॉक्टरों को अलर्ट पर रखा गया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक यह एक हादसा है। विभिन्न समाचार एजेंसियों की जानकारी के अनुसार करीब 1000 गांव वालों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। इस कांड पर एक रिटायर्ड मेजर जनरल शेरू थपलियाल ने बताया कि लोगों की मौत की खबर से लगता है कि यह बड़ी आग है। अभी तो आग काबू में है, अब सिर्फ धमाके हो रहे हैं। आसपास के गांवों को भी खतरा है। अगर धमाके होते रहते हैं तो स्थिति खराब हो सकती है।
 
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रहे हैं। नागपुर से पुलगांव पुहंचने में 1 घंटा लगता है। वर्धा जिले के पास पुलगांव में सेना का सेंट्रल एम्यूनिशन डिपो (सीएडी-कैड) है जहां पर विभिन्न आयुध कारखानों से बनकर आने वाला गोला-बारूद रखा जाता है। 
 
पुलिस ने एहतियात के तौर पर पड़ोस की चार बस्तियों को पूरी तरह ख़ाली करा दिया है। आग में घायल हुए लोगों को पास के ही सावनगी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। डिपो में धमाके की जांच के लिए एसआईटी गठित की जाएगी। यह सेना का एशिया में दूसरा सबसे बड़ा डिपो है। यहां पर वर्धा, अमरावती और यवतमाल से आसानी से पहुंचा जा सकता है। 
 
वर्ष 1999-2000 तक इस क्षेत्र को सर्वाधिक कम जोखिम वाली जगह समझा जाता था। देश में होने वाले आतंकवादी हमलों के बाद यहां सुरक्षा व्यवस्था को बढाया गया है और आसपास के इलाकों में सभी ‍गतिविधियों पर रोक लगा दी है।  यहां होने वाले इस तरह का संभवत: यह पहली घटना है। कस्बे में दो मिलें भी हैं जिनकी सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। इलाके में केवल एक ही स्कूल है और यह केन्द्रीय विद्यालय, पुलगांव है।

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