Mallikarjun Kharge News : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को खत्म करने और उनकी गलतियों के खिलाफ बोलने वालों को जेल में डालने का आरोप लगाया। खरगे ने झामुमो छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को गद्दार करार दिया और दावा किया कि ऐसे कई लोग हैं जिन्होंने उन्हें आगे बढ़ाने वालों के साथ ही विश्वासघात किया।
रांची के ओरमांझी में एक रैली को संबोधित करते हुए खरगे ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने देश में 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' को खत्म कर दिया है। वह उनकी गलतियां बताने वालों को जेल में डाल देते हैं। आप लोगों के अधिकार छीन रहे हैं। क्या लोकतंत्र यही है कि आप एक आदिवासी मुख्यमंत्री को जेल में डाल दें? वे हमारा दमन करना चाहते हैं, लेकिन हम नहीं झुकेंगे।
उन्होंने दावा किया कि जब देश में दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार होता है तो मोदी चुप्पी साध लेते हैं। खरगे ने भाजपा नेताओं के अहंकार की भी आलोचना करते हुए कहा, राहुल और मैं कैबिनेट रैंक रखते हैं, लेकिन हम केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान या असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा जैसे नेताओं की तरह विशेषाधिकारों का उपयोग नहीं करते।
खरगे ने कहा, चंपई सोरेन जैसे कई गद्दार हैं जो उन्हें आगे बढ़ाने वालों के प्रति विश्वासघाती साबित हुए हैं। उन्होंने झारखंड के लोगों को आगाह करते हुए कहा कि मोदीजी आपको धोखा देंगे, आपके 'जल, जंगल, जमीन' को उद्योगपतियों को सौंप देंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि देश को तोड़ने वाले और गरीबों को बांटने वाले भाजपा-आरएसएस 'बंटेंगे तो कटेंगे' का नारा देते हैं।
खरगे ने कर्नाटक, महाराष्ट्र और गोवा का उदाहरण देते हुए भाजपा पर उन राज्यों में सरकारें खरीदने का आरोप लगाया, जहां वे चुनाव जीतने में विफल रहे। कांग्रेस अध्यक्ष ने देश में संपत्ति के मामले में असमानता को लेकर चिंता जताई और दावा किया कि 62 प्रतिशत संपत्ति पर केवल 5 प्रतिशत अमीरों का नियंत्रण है, जबकि 50 प्रतिशत आबादी के पास केवल 3 प्रतिशत संपत्ति है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मोदी झारखंड के 1.36 लाख करोड़ रुपए की निधि केंद्र के पास रोके हुए हैं और उन्होंने पीएम आवास योजना के लिए वित्तीय सहायता देने से इनकार कर दिया है, जिससे राज्य को अपनी खुद की आवास योजना, अबुआ आवास योजना को लागू करने के लिए मजबूर होना पड़ा। (भाषा) Edited By : Chetan Gour