उन्होंने कहा कि सरकार इन शुल्कों से एकत्र की गई राशि का डेटा संसद में उपलब्ध कराती थी, लेकिन अब यह परंपरा भी यह कहकर बंद कर दी गई है कि 'आरबीआई इस तरह के डेटा का रखरखाव नहीं करता है। खरगे ने आरोप लगाया, 'बेतहाशा महंगाई + बेलगाम लूट = भाजपा का जबरन वसूली मंत्र।'(भाषा)