Manish Sisodia filed a new petition for bail: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की उस नई याचिका को सूचीबद्ध करने पर विचार करेगा जिसमें कथित आबकारी नीति घोटाला (excise policy scam) मामलों में उनकी जमानत याचिका पर फिर से सुनवाई करने का अनुरोध किया गया है।
न्यायालय ने मंगलवार को कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले के सिलसिले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज मामलों में सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर विचार करने से 4 जून को इंकार कर दिया था।
सिसोदिया के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने नई दिल्ली में कहा कि मामलों में जमानत का अनुरोध करने वाली उस याचिका पर फिर से सुनवाई किए जाने की अर्जी दायर की गई है जिसका पहले निस्तारण किया जा चुका है। याचिका में कहा गया है कि जांच एजेंसियों की ओर से पेश कानून अधिकारी ने पीठ को बताया था कि कथित आबकारी नीति घोटाले के मुख्य मामले और इससे जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोप पत्र और अभियोजन की शिकायत 3 जुलाई, 2024 को या उससे पहले दायर की जाएगी।
मनीष सिसोदिया 16 महीने से जेल में बंद : सिंघवी ने कहा कि मनीष सिसोदिया 16 महीने से जेल में हैं। न्यायालय ने कहा कि मामले की सुनवाई पूरी हो जानी चाहिए लेकिन यह शुरू ही नहीं हुई है। मैंने विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की, उन्होंने 3 जुलाई के बाद फिर से याचिका दायर करने की छूट दी थी। अदालत ने सूचीबद्ध करने की छूट दी थी। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि क्या आपने ई-मेल किया है- मैं इस पर गौर करूंगा।
न्यायालय ने सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर यह कहा : न्यायालय ने सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर विचार करने से इंकार कर दिया था लेकिन साथ ही कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो द्वारा भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों में अपनी अंतिम अभियोजन शिकायत और आरोप पत्र दाखिल किए जाने के बाद सिसोदिया जमानत के लिए अपनी याचिकाएं फिर से दायर कर सकते हैं। अभियोजन शिकायत ईडी के आरोप पत्र के समान होती है।
न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की अवकाशकालीन पीठ ने ईडी और सीबीआई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की इन दलीलों पर गौर किया था कि केंद्रीय जांच एजेंसियां 3 जुलाई तक अपनी अंतिम अभियोजन शिकायत और आरोप पत्र दाखिल करेंगी।
आप नेता सिसोदिया ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 21 मई के उस फैसले को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था जिसमें उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी। इससे पहले सिसोदिया ने निचली अदालत के 30 अप्रैल के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी जिसमें अब रद्द कर दी गई दिल्ली आबकारी नीति के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं से जुड़े मामलों में उनकी जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया गया था।
सीबीआई ने सिसोदिया को शराब नीति मामले में उनकी कथित भूमिका के लिए 26 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किया था। ईडी ने उन्हें 9 मार्च, 2023 को सीबीआई की प्राथमिकी पर आधारित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था।(भाषा)