नई दिल्ली। महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने उस महिला को पूरी सहायता का भरोसा दिलाया है जिसके पति ने वॉट्सएप पर उसे कथित तौर पर तीन तलाक दे दिया है। 'मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक' बृहस्पतिवार को लोकसभा में पारित होने के बाद प्रकाश में आया तीन तलाक (तलाक ए बिद्दत) का यह पहला मामला है।
बेंगलुरु की एक महिला को उसके पति द्वारा विवाह के 15 वर्षों बाद वॉट्सएप पर तलाक देने की मीडिया में आई खबर पर मेनका ने कहा कि उनके मंत्रालय ने मामले को प्राथमिकता के आधार पर लिया है और महिला को पूरी सहायता का भरोसा दिलाया है।
उन्होंने ट्विटर पर कहा कि उनके मंत्रालय ने तीन तलाक के इस मामले को प्राथमिकता के साथ लिया है। मुस्लिम समुदाय में तीन तलाक की प्रथा को अपराधिक कृत्य बनाने वाला विधेयक लोकसभा में पारित होने के बाद प्रकाश में आए इस पहले मामले से सख्ती से निपटा जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि न्याय हो।
मेनका ने कहा कि उन्होंने महिला के भाई से संपर्क किया है और उनसे सभी जानकारी देने को कहा है। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि हम मुस्लिम समुदाय की अपनी बहनों के साथ पूरी एकजुटता के साथ खड़े हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने मुस्लिम महिलाओं के सामाजिक एवं कानूनी सशक्तीकरण के लिए हमेशा प्रयास किया है और उनके समर्थन में हमेशा एक मजबूत रुख अपनाया है। (भाषा)