पूर्व रक्षा मंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने भारतीय सेना द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक की प्रमाणिकता पर सवाल खड़ा करने को लेकर विपक्ष को आड़े हाथों लिया। उनहोंने कहा कि क्या कांग्रेस तब सर्जिकल स्ट्राइक पर विश्वास करती, जब सेना कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी को अपने साथ मिशन पर ले जाती।
भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि मैं सर्जिकल स्ट्राइक पर राजनीतिक लिहाज से नहीं बोल रहा हूं। विपक्षी पार्टियां क्या दावा करती हैं कि उन्होंने स्ट्राइक नहीं की? इनकी नकारात्मकता को देखिए। क्या मुझे आपको (विपक्ष) साथ ले जाना चाहिए था। मुझे सेना से कहना चाहिए था कि राहुल गांधी को साथ ले जाएं और सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दें।
पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि इस तरह की सैन्य कार्रवाई व सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में सबसे बड़ी बात गोपनीयता है। उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के बारे सिर्फ प्रधानमंत्री, मैं, सेना प्रमुख और सैन्य संचालन महानिदेशक ही जानते थे। हम चारों दिल्ली में थे और कोर कमांडर व सेना के कामांडर व जिन्होंने इसका क्रियान्वयन किया वे श्रीनगर में थे।
विपक्ष की नकारात्मक राजनीति की निंदा करते हुए पर्रिकर ने पार्टी कार्यकर्ताओं से लोगों तक पहुंचने व सकारात्मक माहौल बनाने की अपील की।
उल्लेखनीय है कि सेना ने सितंबर 2016 में एलओसी के पार सर्जिकल स्ट्राइक किया था। पर्रिकर उस वक्त रक्षा मंत्री थे।