बंगाल में सेना की तैनाती पर बवाल, क्या बोले रक्षामंत्री पर्रिकर...

शुक्रवार, 2 दिसंबर 2016 (14:28 IST)
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में टोल प्लाजों पर सैनिकों की मौजूदगी को लेकर गंभीर आपत्ति व्यक्त करते हुए तृणमूल कांग्रेस ने आज लोकसभा में इसे एक साजिश करार देने के साथ राज्य प्रशासन को विश्वास में नहीं लेने का आरोप लगाया और वहीं सरकार ने सेना के इस नियमित अभ्यास पर विवाद खड़ा करने को गलत बताते हुए कहा कि इसे तूल देना राजनीतिक हताशा का परिचायक है तथा इस संबंध में स्थानीय प्रशासन को पूरी जानकारी थी।
 
लोकसभा में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों एवं पश्चिम बंगाल के विभिन्न हिस्सों में सेना की मौजूदगी नियमित अभ्यास का हिस्सा है और सेना के नियमित अभ्यास को लेकर इस प्रकार का विवाद खड़ा करना दुखद और गलत है।
 
उन्होंने कहा कि सेना के नियमित अभ्यास पर विवाद पैदा करना वास्तविक स्थिति पेश करने की बजाए राजनीतिक हताशा का परिचायक है।
 
पर्रिकर ने तृणमूल कांग्रेस के उस दावे को खारिज किया कि जिला प्रशासन को विश्वास में नहीं लिया गया था और कहा कि पश्चिम बंगाल में इस संबंध में कोलकाता पुलिस के आग्रह पर तारीखों में परिवर्तन किया गया।
 
उन्होंने कहा कि इस अभ्यास की मूल तिथि 28 से 30 नवंबर थी लेकिन इसे कोलकाता नुलिस के आग्रह पर बदलकर। और 2 दिसंबर किया गया क्योंकि उन दिनों नोटबंदी के विरोध में भारत बंद का आहवान किया गया था।
 
रक्षा मंत्री ने कहा कि यह अभ्यास पश्चिम बंगाल के लिए अलग नहीं है क्योंकि भारी वाहनों की गतिविधि के बारे में सूचना एकत्र करने के मकसद से पिछले महीने भी उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड में ऐसे अभ्यास हुए थे।
 
उन्होंने कहा कि इस बार भी पश्चित बंगाल के अलावा, अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड, त्रिपुरा, मेघालय और मिजोरम में ये अभ्यास किए गए। (भाषा) 

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