सदन में शून्यकाल के दौरान माकपा के शंकर प्रसाद दत्त ने यह मामला उठाते हुए कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए इस मद का अनुमानित बजट 40 हजार करोड़ रुपए है लेकिन केवल 20,428 करोड़ रुपए ही जारी किए गए हैं। इस बात का कोई खुलासा नहीं किया गया है कि इस रकम को किन मदों में खर्च किया जाना है। इससे लाखों गरीब ग्रामीण प्रभावित हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इसके चलते मनरेगा के तहत 100 दिन का रोजगार सृजित होने की बजाय 32 दिन का ही सृजित हुआ है। उनके अनुसार ग्रामीण विकास मंत्रालय ने सभी राज्यों को सलाह जारी की है कि इसे अब देश के 70,000 ब्लॉकों में से केवल 2,000 ब्लॉकों में लागू किया जाएगा।