मांडविया ने कहा कि अस्पताल में जब मैं गार्ड और बाउंसर देखता हूं, इस बारे सोचता हूं तो मुझे दर्द होता है। मरीज तो इलाज के लिए आते हैं, फिर गार्ड क्यूं होते हैं? उन्होंने कहा कि जब कोई मरीज यहां से इलाज कराकर जाता है, तो वह संतुष्ट है या नहीं? यह जरूरी है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अस्पताल के बाहर मरीजों की लंबी लाइन को खत्म करने की जरूरत है। ये काम केवल एक डॉक्टर ही कर सकता है। अगर हर डॉक्टर यह सोचने लगे कि मेरे मरीज ही मेरे ईश्वर हैं, तो यह लाइन नहीं लगेगी।