आंदोलन में वंचित बहुजन आघाड़ी (वीबीए) नेता प्रकाश आंबेडकर, कोल्हापुर के संरक्षक मंत्री और कांग्रेस नेता सतेज पाटिल, प्रदेश भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल शामिल हुए। कोल्हापुर जिले से शिवसेना सांसद धैर्यशील माने ने भी प्रदर्शन में हिस्सा लिया। उनके साथ सलाइन बोतल भी लगी हुई थी क्योंकि वह कुछ दिनों पहले कोविड-19 से संक्रमित पाए गए थे।
उन्होंने कहा कि मैं कोविड-19 से पूरी तरह स्वस्थ हो गया हूं, लेकिन अगले कुछ दिनों के लिए आराम करने की सलाह दी गई है। मैं इस काम के लिए अपने घर से बाहर निकला हूं और मैं अपना समर्थन देने के लिए अन्य जगह भी जाने के लिए तैयार हूं।
आंदोलन शुरू करने की घोषणा करते हुए संभाजीराजे ने प्रदर्शनकारियों से जनप्रतिनिधियों के सभा को संबोधित करते वक्त चुप रहने की अपील की। कोल्हापुर में कोविड-19 संक्रमण दर अधिक रहने के बावजूद यह प्रदर्शन किया जा रहा है और कुछ दिनों पहले उपमुख्यमंत्री अजित पवार और स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने हालात की समीक्षा की थी।
उच्चतम न्यायालय ने पिछले महीने महाराष्ट्र के 2018 के उस कानून को रद्द कर दिया था, जिसमें दाखिलों और सरकारी नौकरियों में मराठाओं को आरक्षण दिया गया था। न्यायालय ने इसे असंवैधानिक बताया और कहा कि 1992 मंडल फैसले में तय किए गए 50 प्रतिशत के आरक्षण का उल्लंघन करने की कोई असाधारण स्थिति नहीं है।