होली पर कब होगी जुमे की नमाज, संभल CO की अपील पर मौलाना साजिद रशीदी का बड़ा बयान

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शुक्रवार, 7 मार्च 2025 (14:13 IST)
संभल/नई दिल्ली। होली का त्योहार नजदीक आते ही उत्तरप्रदेश के संभल में सांप्रदायिक सौहार्द और शांति बनाए रखने को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। इसी बीच संभल के सर्किल ऑफिसर (सीओ) अनुज कुमार चौधरी के एक बयान ने विवाद को जन्म दे दिया है जिसके बाद ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने देशभर के इमामों से एक खास अपील की है।
 
संभल सीओ का बयान बना चर्चा का विषय : होली और रमजान के दौरान जुमे की नमाज एक ही दिन पड़ने के मद्देनजर संभल में शांति समिति की बैठक हुई थी। इस बैठक के बाद सीओ अनुज चौधरी ने कहा कि जुमा साल में 52 बार आता है जबकि होली साल में सिर्फ 1 बार आती है। अगर मुस्लिम समुदाय के किसी व्यक्ति को लगता है कि होली के रंग से उनका धर्म भ्रष्ट हो जाएगा तो बेहतर होगा कि वह उस दिन घर से बाहर न निकलें। उन्होंने आगे कहा कि शांति बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि दोनों समुदाय एक-दूसरे की भावनाओं का सम्मान करें।ALSO READ: मथुरा-वृंदावन के अलावा इन जगहों की होली भी होती है रंगारंग, मजेदार होली के लिए आप भी पहुंच जाएं
 
बयान के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई : इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। कुछ लोगों ने इसे शांति स्थापित करने की कोशिश माना तो कुछ ने इसे असंवेदनशील और पक्षपातपूर्ण करार दिया। विपक्षी दलों ने भी इसकी आलोचना करते हुए कहा कि एक अधिकारी को धर्मनिरपेक्षता का पालन करना चाहिए।ALSO READ: इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, ASI की निगरानी में होगी संभल की जामा मस्जिद की सफाई
 
मौलाना साजिद रशीदी की अपील : सीओ के इस बयान के बाद ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने देशभर के इमामों और मुस्लिम समुदाय से एक सकारात्मक कदम उठाने की अपील की। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा कि देश में भाईचारा और शांति कायम करने के लिए मैं ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन की ओर से सभी भारतीयों से अपील करता हूं कि हम जुमे की नमाज में थोड़ी देरी कर लें।ALSO READ: होली कितने प्रकार की होती है?
 
उन्होंने आगे कहा कि अगर हम ऐसा करते हैं तो इससे नमाज पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। जो नमाज आमतौर पर दोपहर 1 बजे होती है, उसे 2.30 बजे कर लिया जाए। इससे होली का त्योहार शांति के साथ संपन्न हो सकेगा। मौलाना ने यह भी जोड़ा कि दोनों समुदायों में कुछ लोग हो सकते हैं, जो माहौल खराब करना चाहते हों और इस कदम से ऐसी स्थिति से बचा जा सकता है।
 
सौहार्द का संदेश या विवाद की शुरुआत? : मौलाना साजिद रशीदी का यह बयान सीधे तौर पर संभल सीओ के बयान से जुड़ा माना जा रहा है। जहां सीओ ने मुस्लिम समुदाय से घर पर रहने की सलाह दी थी, वहीं मौलाना ने नमाज के समय में बदलाव का प्रस्ताव देकर सौहार्द का रास्ता सुझाया। उनका कहना है कि यह कदम दोनों समुदायों के बीच आपसी सम्मान और समझ को बढ़ाएगा।ALSO READ: संभल के बाद पटना में जमीन फाड़कर निकला 500 साल पुराना मंदिर, 5 फुट ऊंचे शिवलिंग को पूजने उमड़ी भीड़, रहस्यमयी पैरों के निशान का क्या है राज
 
हालांकि, यह पहल कितनी कारगर होगी, यह देखना बाकी है। कुछ लोगों का मानना है कि यह सकारात्मक पहल शांति को बढ़ावा देगी जबकि कुछ इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर सवाल उठाने वाला कदम मान रहे हैं। संभल जैसे संवेदनशील क्षेत्र में, जहां पिछले साल जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा हुई थी, प्रशासन और समुदाय दोनों ही किसी भी तरह के तनाव से बचना चाहते हैं।
 
होली और जुमे की नमाज एक ही दिन : होली और जुमे की नमाज का एक ही दिन पड़ना इस बार एक अनोखी चुनौती बनकर सामने आया है। संभल प्रशासन ने साफ कर दिया है कि शांति भंग करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, वहीं मौलाना साजिद रशीदी की अपील से यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि छोटे-छोटे बदलावों से बड़ा सौहार्द कायम किया जा सकता है।
 
अब सवाल यह है कि क्या यह अपील और सीओ का बयान मिलकर शांति का माहौल बना पाएंगे या फिर यह बहस को और हवा देगा? आने वाले दिन इसकी तस्वीर साफ करेंगे। तब तक दोनों समुदायों से अपील की जा रही है कि वे त्योहार और इबादत को खुशी व शांति के साथ मनाएं। आपकी राय क्या है? क्या यह कदम सही दिशा में है या इससे विवाद और बढ़ेगा? अपनी राय हमें कमेंट में बताएं।
 
Edited by: Ravindra Gupta

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