संभल/नई दिल्ली। होली का त्योहार नजदीक आते ही उत्तरप्रदेश के संभल में सांप्रदायिक सौहार्द और शांति बनाए रखने को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। इसी बीच संभल के सर्किल ऑफिसर (सीओ) अनुज कुमार चौधरी के एक बयान ने विवाद को जन्म दे दिया है जिसके बाद ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने देशभर के इमामों से एक खास अपील की है।
उन्होंने आगे कहा कि अगर हम ऐसा करते हैं तो इससे नमाज पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। जो नमाज आमतौर पर दोपहर 1 बजे होती है, उसे 2.30 बजे कर लिया जाए। इससे होली का त्योहार शांति के साथ संपन्न हो सकेगा। मौलाना ने यह भी जोड़ा कि दोनों समुदायों में कुछ लोग हो सकते हैं, जो माहौल खराब करना चाहते हों और इस कदम से ऐसी स्थिति से बचा जा सकता है।
हालांकि, यह पहल कितनी कारगर होगी, यह देखना बाकी है। कुछ लोगों का मानना है कि यह सकारात्मक पहल शांति को बढ़ावा देगी जबकि कुछ इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर सवाल उठाने वाला कदम मान रहे हैं। संभल जैसे संवेदनशील क्षेत्र में, जहां पिछले साल जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा हुई थी, प्रशासन और समुदाय दोनों ही किसी भी तरह के तनाव से बचना चाहते हैं।
होली और जुमे की नमाज एक ही दिन : होली और जुमे की नमाज का एक ही दिन पड़ना इस बार एक अनोखी चुनौती बनकर सामने आया है। संभल प्रशासन ने साफ कर दिया है कि शांति भंग करने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, वहीं मौलाना साजिद रशीदी की अपील से यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि छोटे-छोटे बदलावों से बड़ा सौहार्द कायम किया जा सकता है।
अब सवाल यह है कि क्या यह अपील और सीओ का बयान मिलकर शांति का माहौल बना पाएंगे या फिर यह बहस को और हवा देगा? आने वाले दिन इसकी तस्वीर साफ करेंगे। तब तक दोनों समुदायों से अपील की जा रही है कि वे त्योहार और इबादत को खुशी व शांति के साथ मनाएं। आपकी राय क्या है? क्या यह कदम सही दिशा में है या इससे विवाद और बढ़ेगा? अपनी राय हमें कमेंट में बताएं।