उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को ट़्वीट किया, पेगासस जासूसी कांड का भूत केंद्र सरकार एवं भाजपा की नींद लगातार उड़ाए हुए है। इस अति गंभीर मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं, फिर भी देश और जनता के प्रति जवाबदेह एवं जिम्मेदार होकर विश्वसनीय जवाब देने के बजाय केंद्र की चुप्पी और भी नए सवाल खड़े करती है। सरकार खुलासा करें।
मायावती ने सिलसिलेवार ट्वीट कर कहा, साथ ही, पेगासस के नए तथ्यों पर पूर्व सेना प्रमुख और केंद्रीय मंत्री की सुपारी मीडिया जैसी टिप्पणी अति अशोभनीय है, जो सरकार की संकीर्ण सोच को प्रमाणित करती है। पेगासस मामले में भारत का नाम मैक्सिको, पोलैंड, हंगरी आदि देशों के शासकों की श्रेणी में आना भी कम चिंता की बात नहीं है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी समाचार पत्र न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत ने 2017 में इसराइल के साथ दो अरब डॉलर के रक्षा सौदे के हिस्से के रूप में पेगासस स्पाइवेयर खरीदा था, जिसके बाद शनिवार को एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया और विपक्ष ने सरकार पर अवैध जासूसी में शामिल रहने का आरोप लगाया और इसे देशद्रोह करार दिया है।
पिछले साल कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूहों के एक संगठन ने दावा किया था कि कई भारतीय नेताओं, मंत्रियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, कारोबारियों और पत्रकारों के खिलाफ पेगासस का इस्तेमाल किया गया है।(भाषा)