Uniform Civil Code : समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर देश में चल रही बहस के बीच क़ानून मंत्रालय की संसदीय स्थायी समिति की बैठक सोमवार को इस मुद्दे पर चर्चा करेगी। स्थायी समिति के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद सुशील मोदी के मुताबिक़ बैठक में सभी हितधारकों के विचार जाने जाएंगे. संसदीय स्थायी समिति में तमाम राजनीतिक दलों के सांसद सदस्य होते हैं।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और कार्मिक, लोक शिकायत, कानून एवं न्याय पर संसदीय स्थायी समिति के प्रमुख सुशील मोदी ने शुक्रवार को कहा था कि यह तीन जुलाई को अपनी बैठक में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के मुद्दे पर सभी हितधारकों के विचार मांगेगा।
उन्होंने पटना में पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि समिति की बैठक गैर-राजनीतिक है क्योंकि इसमें सभी राजनीतिक दलों के सदस्य हैं। मोदी ने कहा था, हम तीन जुलाई को यूसीसी पर विधि आयोग की रिपोर्ट पर चर्चा करेंगे। यदि आवश्यक हुआ, तो हम इस विषय पर आगे की चर्चा करने के लिए एक और बैठक बुलाएंगे। समिति पूरी तरह से तटस्थ है
20 जुलाई से संसद का मानसून सत्र भी शुरू हो रहा है। ये भी कहा जा रहा है कि इस सत्र में सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बिल पारित कर सकती है। ज़ाहिर है कि ऐसे में इस मुद्दे के मानसून सत्र में भी छाए रहने की संभावना है।
बताया जा रहा है कि यूसीसी पर बीते 26 जून तक लॉ कमीशन को करीब साढ़े आठ लाख सुझाव मिले हैं। विधि आयोग ने 14 जून को राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दे पर लोगों और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों सहित सभी हितधारकों से विचार आमंत्रित किए थे।
क्या है यूसीसी : यूसीसी का अर्थ यह है कि देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून हो, जो धर्म पर आधारित न हो। पर्सनल लॉ और विरासत, गोद लेने और उत्तराधिकार से संबंधित कानूनों को एक समान संहिता द्वारा कवर किए जाने की संभावना है। बता दें कि यूसीसी का कार्यान्वयन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा रहा है। उत्तराखंड पहले से ही अपनी समान नागरिक संहिता बनाने की प्रक्रिया में है। भाजपा ने हाल के विधानसभा चुनावों से पहले कर्नाटक में भी यूसीसी का वादा किया था।
Edited by navin rangiyal