शिवसेना ने कहा, (महबूबा) मुफ्ती ने कहा था कि अनुच्छेद 35ए को छूने वाले हाथ जला दिए जाने चाहिए और कश्मीरियों को बलिदान के लिए तैयार रहना चाहिए। देश के गृहमंत्री को उकसावे एवं विद्रोह की ऐसी भाषा को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए। यह आतंकवाद की भाषा है। उन्हें (मुफ्ती को) नए यूएपीए के तहत जेल भेज दिया जाना चाहिए, अगर ऐसा नहीं हुआ तो कश्मीर में दंगे कराने की उनकी साजिश कामयाब हो जाएगी।
गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) कानून (यूएपीए) में किए गए नए सुधार केंद्र सरकार को किसी व्यक्ति को आतंकवादी घोषित करने और उनकी संपत्ति जब्त करने का अधिकार देती है। इस संशोधन को संसद में 2 अगस्त को स्वीकृति मिली थी। संपादकीय में कहा गया, अमरनाथ यात्रा को बीच में ही रोक देने की आलोचना हो सकती है लेकिन कई बार 4 आगे कदम बढ़ने के लिए आपको एक कदम पीछे लेना पड़ता है।
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बढ़ाए जाने के विषय पर शिवसेना ने कहा, केंद्र सरकार ने कश्मीर में जिस तरीके से सशस्त्र बलों की तैनाती की है और अगर वे आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने की मंशा रखते हैं तो लोगों को बातचीत के जरिए कश्मीर मुद्दा सुलझाए जाने की उम्मीद छोड़ देनी चाहिए। सरकार को बेशक अपनी योजना पर आगे बढ़ना चाहिए।