उन्होंने यहां पीडीपी के 22 वें स्थापना दिवस पर पार्टी के एक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, भारत और पाकिस्तान के बीच (इस साल के फरवरी का) संघर्ष विराम बातचीत का ही नतीजा है। तब यदि महबूबा कहती हैं कि कश्मीर मुद्दे के समाधान और खूनखराबे को बंद करने के लिए पाकिस्तान से बात करो, तो उसमें गलत क्या है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थिति में सुधार के लिए पड़ोसी देश से बातचीत करने में कोई झिझक नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, संघर्ष विराम से सीमा पर शांति आई है और घुसपैठ कम हो गईं। इससे लोगों को राहत मिली।
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पिछले महीने प्रधानमंत्री के साथ सर्वदलीय बैठक के दौरान उन्होंने दोहराया था कि वार्ता ही एकमात्र रास्ता है। उन्होंने कहा, मैंने यह भी कहा कि हम जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे की बहाली के लिए अपना संघर्ष जारी रखेंगे।(भाषा)