मंत्रालय ने कहा, 'याचिकाकर्ता ने जानबूझकर कानूनों का अनुपालन नहीं किया और उनकी अवज्ञा की। प्रतिवादी नंबर-2 के जवाब और 27 जून 2022 को कारण बताओ नोटिस जारी होने के बाद ही याचिकाकर्ता ने अचानक उन दिशा-निर्देशों पर अमल किया, जिनका पालन वह पहले नहीं कर रहा था।'
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा रोक के संबंध में जारी किए गए 10 अलग-अलग आदेशों के खिलाफ ट्विटर इंक ने उच्च न्यायालय का रुख किया है। ये आदेश दो फरवरी 2021 से 28 फरवरी 2022 के बीच के हैं। इनमें अकाउंट, ट्वीट, यूआरएल और हैशटैग को ब्लॉक करने से जुड़े आदेश शामिल हैं।
सरकार ने कहा कि जब सार्वजनिक व्यवस्था से जुड़ा कोई मुद्दा उठता है तो सरकार कार्रवाई करने के लिए जिम्मेदार होती है, न कि कोई मंच। इसलिए, कौन-सी सामग्री राष्ट्रीय सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था से जुड़े मुद्दों के लिए सही है या नहीं, इसे तय करने की अनुमति मंच को नहीं दी जा सकती।