Odisha train accident : रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज फिर ओडिशा के बालासोर में रेल दुर्घटना स्थल का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हादसे की सही वजह पता चल गई है। हमने जिम्मेदारों की भी पहचान कर ली है। उन्होंने कहा कि हादसे का कवच से कोई लेना-देना नहीं है। सदी के इस सबसे भीषण हादसे में 288 लोग मारे गए थे जबकि 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
रेल मंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रानिक इंटरलॉकिंग में बदलाव से हुआ हादसा। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जो कहा अपनी जानकारी के अनुसार कहा। उन्होंने जो कहा वह हादसे का कारण नहीं है। हादसे का कवच से कोई लेना-देना नहीं।
क्या बोली थीं ममता बनर्जी : ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा था कि ओडिशा के बालासोर में हुई भीषण ट्रेन दुर्घटना इस सदी का सबसे बड़ा रेल हादसा है और सच्चाई का पता लगाने के लिए उपयुक्त जांच की आवश्यकता है। ममता दो बार रेल मंत्री रह चुकी हैं। उन्होंने कहा कि यदि इस मार्ग पर टक्कर रोधी प्रणाली होती तो हादसे को टाला जा सकता था। उन्होंने दावा किया कि यात्रियों की सुरक्षा की रेलवे द्वारा अनदेखी की जा रही है।
ममता ने कहा कि मैं जब रेल मंत्री थी, तब मैंने टक्कर रोधी प्रणाली लगाने की शुरूआत की थी और इसने हादसों की संख्या घटा दी। उन्होंने दावा किया कि केरल, बेंगलुरु और ओडिशा से कुछ ही यात्री थे ,जबकि ज्यादातर यात्री पश्चिम बंगाल से थे।
क्या है कवच : रेल मंत्रालय ने पिछले साल कवच टेक्नोलॉजी की टेस्टिंग की थी। खुद रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव टेस्टिंग के दौरान एक ट्रेन थे। इसके बाद रेलवे ने दावा था कि इस टेक्नोलॉजी से उसे जीरो एक्सीडेंट के अपने लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी। इसके जरिए सिग्नल जंप करने पर ट्रेन खुद ही रुक जाएगी। कहा जा रहा है कि इस ट्रेक पर ट्रेनों के बीच टक्कर को रोकने वाला कवच सिस्टम नहीं लगा था।