नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को सीबीआई की उस याचिका को मंजूर कर लिया, जिसमें उसने अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में आरोपी कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल जेम्स के दस्तखत और लिखावट के नमूने लेने का अनुरोध किया था।
विशेष सीबीआई न्यायाधीश अरविंद कुमार ने मिशेल के वकील की तरफ से सीबीआई की याचिका पर किसी तरह की आपत्ति दर्ज नहीं कराने के बाद आदेश पारित कर दिया। मिशेल के वकील ने कहा कि वह अपने मुवक्किल को निर्दोष साबित करना चाहते हैं। न्यायाधीश ने कहा, ‘याचिका मंजूर की जाती है।’ 57 वर्षीय मिशेल 15 दिसंबर तक सीबीआई हिरासत में है।
सीबीआई की तरफ से पेश हुए वकील डीपी सिंह ने कहा कि मिशेल की लिखावट और दस्तखत के नमूनों की जरूरत है क्योंकि उनका उन दस्तावेजों से मिलान करना है, जो पहले से एजेंसी के कब्जे में हैं।
मिशेल की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता अल्जो के जोसफ और विष्णु शंकर ने कहा कि सीबीआई की याचिका पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि सच को बाहर आना है।
वकील ने कहा कि उनको एक मात्र चिंता इस बात की है कि नमूनों को तुलना के लिये सीधे फोरेंसिक प्रयोगशाला भेजा जाए और किसी दूसरे उद्देश्य के लिये इनका इस्तेमाल न हो।
सीबीआई अभियोजक ने बचाव पक्ष के वकील की इस बात पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए कहा कि वे संस्थान की अक्षुण्णता पर सवाल उठा रहे हैं।
अदालत ने मिशेल की उस याचिका को भी मान लिया कि सीबीआई हिरासत के दौरान उसे परिवार के सदस्यों से फोन पर बात करने की इजाजत दी जाए। इस दौरान फोन स्पीकर मोड पर रहे और बातचीत अंग्रेजी भाषा में होनी चाहिए।
सीबीआई के विरोध के बाद अदालत ने हालांकि उसे अपने प्रबंधक और एक सौतेले भाई से फोन पर बात करने की इजाजत नहीं दी।
एजेंसी ने कहा कि मिशेल का प्रबंधक मामले में एक संदिग्ध है और उसका सौतेला भाई एक बैरिस्टर है। आरोपी को पुलिस हिरासत के दौरान उनसे बातचीत की इजाजत नहीं दी जा सकती।