मुख्य न्यायधीश जेएस केहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने आदेश में कहा कि बड़ी संख्या में मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल बैकिंग के लिए किया जा रहा है ऐसे में वह जानना चाहता है कि मोबाइल धारकों द्वारा उनकी पहचान से जुड़ी जानकारियों की प्रमाणिकता परखने के लिए आखिर सरकार की ओर से क्या व्यवस्था की गई है। क्योंकि यह मामला पैसे के लेने देन से जुड़ा होने के कारण काफी संवदेनशील है।