प्रधानमंत्री मोदी और मर्केल ने शुकवार को 5वें भारत-जर्मनी अंतरसरकारी विमर्श (आईजीसी) की सह-अध्यक्षता की। इसके बाद भारत और जर्मनी ने 5 संयुक्त आशय पत्रों (ज्वॉइंट डिक्लरेशन ऑफ इंटेंट) पर दस्तखत किए। भारत और जर्मनी के बीच अंतरिक्ष, नागरिक उड्डयन, नौवहन प्रौद्योगिकी, चिकित्सा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में 11 समझौतों पर दस्तखत हुए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जर्मनी को उत्तरप्रदेश और तमिलनाडु में रक्षा गलियारों में रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में अवसरों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया गया है। हमने ई-मोबिलिटी, स्मार्ट शहर, नदियों की सफाई और पर्यावरण संरक्षण पर सहयोग की संभावनाएं तलाशने का फैसला किया है।
चांसलर मर्केल ने कहा कि जर्मनी और भारत के बीच समझौतों पर हस्ताक्षर इस बात का सबूत है कि नई और उन्नत प्रौद्योगिकी की दिशा में रिश्ते आगे बढ़ रहे हैं। 5जी और कृत्रिम मेधा के क्षेत्र एक चुनौती हैं, इन पर साथ काम करना महत्वपूर्ण है। मर्केल ने कहा कि हमें उन बड़ी अवसंरचना परियोजनाओं से जुड़कर खुशी होगी जिनकी भारत परिकल्पना कर रहा है।