भाजपा ने इस साल के अंत में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान उन्हें अपना चेहरा बनाने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री के गृहराज्य में यह सम्मान की लड़ाई होगी। वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री का पदभार संभालने के बाद सरकारी नौकरियों और शैक्षिक संस्थानों में आरक्षण के लिए पाटीदार आंदोलन के केंद्र सूरत में मोदी का यह पहला दौरा है।
सूरत में पटेल समुदाय की अच्छी-खासी आबादी है और 2015 में आरक्षण आंदोलन के दौरान यहां बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी। विभिन्न समुदाय के संगठनों, युवाओं और महिलाओं ने हर 200 मीटर की दूरी पर 'स्वागत स्थल' के जरिए प्रधानमंत्री का स्वागत किया।
नियमित अंतराल पर थ्रीडी लेजर शो और रंगारंग एलईडी की व्यवस्था की गई थी। मार्ग के बगल में सरकार के कार्यक्रमों के नामों के साथ 11 किलोमीटर लंबी साड़ी बांधी गई। मोदी के काफिले में 50,000 युवक और महिलाएं 25,000 बाइकों पर सवार थे। हवाई अड्डे के पास मोदी का 22 फुट ऊंचा कटआउट बनाया गया। (भाषा)