उन्होंने गुजरात, महाराष्ट्र एवं गोवा के आरएसएस प्रचारकों की चार दिवसीय बैठक के समापन कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने कहा कि संघ का लक्ष्य एक सही नेता के साथ एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण करना है जिसके मूल में हिन्दुत्व हो।
उन्होंने कहा, कि हिन्दुत्व को किसी विशेष धर्म या समुदाय की विचाराधारा के रूप में देखना गलत है। संघ में जब कोई व्यक्ति उसकी विचारधारा पर विश्वास कर प्रवेश करता है तो वह उसकी जाति या धर्म नहीं पूछता। (भाषा)