कश्मीर में ईद पर होगी 3 लाख से ज्यादा भेड़ों की कुर्बानी

सुरेश एस डुग्गर

शनिवार, 15 जून 2024 (19:37 IST)
More than 3 lakh sheep will be sacrificed on Eid in Kashmir : माना कि कश्मीर में इस बार बकरीद को लेकर कोई खासा उत्साह नहीं है और न ही लोग कुर्बानी के लिए भेड़-बकरियों की उतनी खरीददारी नहीं कर रहे हैं, जितनी पिछले सालों में होती रही है, पर बावजूद इसके आपको यह सुनकर चौंक जाना पड़ेगा कि अभी तक कश्मीर में बाहरी राज्यों से 3 लाख से अधिक भेड़ें आ चुकी हैं और उनका आना लगातार जारी है।
 
भारी मात्रा में भेड़ें कश्मीर में आयात की जा रहीं : ईद-उल-अजहा के नजदीक आने के साथ ही कश्मीरी बाजारों में कई तरह की बेहतरीन गैर स्थानीय भेड़ें आ रही हैं, ताकि ग्राहकों को कुर्बानी के लिए सर्वश्रेष्ठ चुनने का विकल्प मिल सके। काजूवाला से लेकर जैसलमेरी, मारवाड़ी और अन्य, इस ईद-उल-अजहा की मांग को पूरा करने के लिए भारत के विभिन्न राज्यों से भारी मात्रा में भेड़ें कश्मीर में आयात की जा रही हैं। मटन डीलरों के अनुसार, ईद-उल-अजहा पर भेड़ों की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में सुधार किया गया है, ताकि लोगों को कुर्बानी के लिए स्वस्थ और बेहतर भेड़ की नस्ल चुनने का बेहतर विकल्प मिल सके।
 
बाजार में पर्याप्त मात्रा में कुर्बानी के जानवर उपलब्ध : ऑल कश्मीर मटन डीलर्स एसोसिएशन के प्रवक्ता खजीर मोहम्मद रिगू का कहना था कि हमारे पास इस समय बाजार में कई तरह की भेड़ें हैं। स्थानीय नस्लों से लेकर गैर स्थानीय तक, बाजार में पर्याप्त मात्रा में कुर्बानी के जानवर उपलब्ध हैं, ताकि इस सप्ताह जब कुर्बानी के जानवरों की मांग बढ़ेगी, तो किसी तरह की कमी न हो। वे कहते थे कि लोगों की उम्मीदों को पूरा करने के लिए काजूवाला, जैसलमेरी, मारवाड़ी गरोला और अन्य बेहतरीन नस्लों का आयात किया गया है।
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रिगू के बकौल, ये भेड़ों की सबसे अच्छी नस्लों में से एक हैं, जो वजन और मांस बढ़ाने के लिए चने खाती हैं। कुछ लोग काजूवाला की बलि देना पसंद करते हैं, जो थोड़ा महंगा है। कुछ लोग अधिक पुरस्कार पाने के लिए बलि के जानवर पर जितना पैसा खर्च करना चाहते हैं, उतना खर्च करते हैं। कश्मीरी बाजारों में काजूवाला, जैसलमेरी की मांग अच्छी है।
 
भेड़ों से लदे 40 ट्रक प्रतिदिन कश्मीर में प्रवेश कर रहे : रिगू के मुताबिक बलि के जानवरों की मांग को पूरा करने के लिए भेड़ों से लदे कुल 40 ट्रक प्रतिदिन कश्मीर में प्रवेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन 40 से अधिक ट्रक कश्मीर में प्रवेश करते हैं। प्रत्येक ट्रक में 140 भेड़ें होती हैं, जिसका मतलब है कि प्रतिदिन विभिन्न राज्यों से 6 हजार भेड़ें कश्मीर में आयात की जा रही हैं। एक अनुमान के अनुसार, कश्मीर में अभी तक 3 लाख से ज्यादा भेड़ें आ चुकी हैं। गौरतलब है कि श्रीनगर में लोग बलि के लिए भेड़ों को प्राथमिकता देते हैं।
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भेड़ों के अलावा, ऊंट और बकरियों को भी भारत के विभिन्न बाजारों से डीलरों द्वारा आयात किया गया है। भेड़ पालन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि लगभग 40 प्रतिशत मांग स्थानीय स्तर पर कश्मीर के बकरवाल और किसानों द्वारा पूरी की जाएगी। उन्होंने कहा कि बकरवाल पहले ही मैदानी इलाकों की ओर चले गए हैं और वे कश्मीर के विभिन्न बाजारों में भेड़ें बेच रहे हैं। इसी तरह, हमारे पास ऐसे किसान भी हैं, जिन्होंने अपनी इकाइयां स्थापित की हैं और ईद की मांग को पूरा करते हैं।
फोटो सौजन्‍य : यूएनआई 

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