ले. जनरल राजू ने कहा कि हालांकि पिछले साल अक्टूबर महीने तक 130 से ज्यादा आतंकी एलओसी को पार करने में कामयाब हुए थे, लेकिन इस बार यह संख्या 30-40 के करीब ही है। वे कहते थे कि एलओसी पर दिक्कत यह है कि कई इलाकों में भौगोलिक परिस्थितियों के कारण तारबंदी भी अधिक प्रभावी नहीं हो पा रही है।
वे कहते थे कि 300 से ज्यादा आतंकी उस पार प्रशिक्षण शिविरों में घुसपैठ का इंतजार कर रहे हैं, जिन्हें पाक सेना अपनी अग्रिम चौकियों पर लाई हुई है। जनरल का कहना था कि पाक सेना की कोशिश इन सबको बर्फबारी से पूर्व इस ओर धकेलने की है पर भारतीय सेना ने सभी घुसपैठ के रास्तों पर नकेल डाल दी है।
हालांकि वे कहते थे कि आतंकी भर्तियों पर नकेल नहीं डाली जा सकी है। जनरल राजू कहते थे कि पिछले करीब एक महीने से आतंकी गुटों में भर्तियां फिर से तेज हो गई हैं। उनके मुताबिक, पिछले करीब 6 महीनों से यह नगण्य थी, लेकिन अचानक इसमें बिजली सी तेजी आ गई है। वे इसके प्रति कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दे पाते थे कि अचानक आतंकी बनने का जुनून फिर से क्यों हिलौरें मार रहा है।
जनरल राजू कहते थे कि पाकिस्तानी सेना अब कश्मीर में हथियार पहुंचाने के नए नए तरीके तलाश कर रही है क्योंकि स्थानीय तौर पर भर्ती किए जाने वाले आतंकियों को हथियारों की जबरदस्त कमी महसूस हो रही है। दरअसल सुरक्षाबलों के ऑपरेशनों के कारण कई आतंकी मारे जा चुके हैं, उनसे हथियार बरामद किए जा चुके हैं और उस पार से हथियारों की खेपें आनी रुक गई हैं।
जनरल के बकौल, यही कारण है कि पाक सेना कभी सुरंग के रास्ते तो कभी ड्रोन से इस ओर हथियार फेंक रही है तथा अब उसने एलओसी पर बहने वाले नदी नालों का इस्तेमाल करते हुए ट्यूबों के जरिए भी हथियार व गोला बारूद भिजवाना आरंभ किया है।