अंबानी ने बताया कि कंपनी ने कच्छ में बंजर भूमि को पट्टे पर लिया है। इस बंजर भूमि में अगले 10 वर्षों में लगभग 150 अरब यूनिट बिजली पैदा होगी, जो भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं के लगभग 10% के बराबर होगी। मुकेश अंबानी ने आगे कहा कि इस साल के अंत तक हम अपने स्वयं के सौर फोटो-वोल्टाइक (PV) मॉड्यूल का उत्पादन शुरू कर देंगे।
अंबानी ने कहा कि अगली तिमाहियों में हम अपनी एकीकृत सौर उत्पादन सुविधाओं का पहला चरण पूरा कर लेंगे। इसमें मॉड्यूल, सेल, ग्लास, वेफर, इंगोट और पॉलीसिलिकॉन शामिल हैं जिनकी शुरुआती वार्षिक क्षमता 10 गीगावॉट है। हमने जामनगर में 30 गीगावॉट वार्षिक क्षमता वाली एक एकीकृत उन्नत रसायन-आधारित बैटरी विनिर्माण सुविधा का निर्माण शुरू कर दिया है। अगले साल की दूसरी छमाही तक उत्पादन शुरू हो जाएगा।
न्यू एनर्जी बिजनेस के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि बायो-एनर्जी कारोबार तेजी से विस्तार कर रहा है और 2025 तक 55 ऑपरेटिंग कम्प्रेस्ड बायोगैस (CBG) प्लांट तक पहुंच जाएगा जिससे किसान अन्नदाता से ऊर्जा दाता बन जाएंगे और ग्रामीण क्षेत्रों में 30,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होंगी। कंपनी न्यू एनर्जी बिजनेस में 75,000 करोड़ रुपए तक के निवेश के लिए तैयार है।