उन्होंने कहा कि राय महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के समर्थन में 'किसी की मां ने पिलाया है इतना दूध जो उद्धव ठाकरे को अयोध्या आने से रोक सके', बयान देकर विवाद में फंस गए हैं। अयोध्या के साधु-संत समेत अखाड़ा परिषद भी उनके इस बयान से इत्तेफाक नहीं रखता। उनका यह बयान सर्वदा अनुचित है।
महंत ने कहा कि चंपत राय ने हमेशा संत-महात्माओं का सम्मान किया है और आगे भी सम्मान करते रहें तो अच्छा, बाकी उनकी इच्छा। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को सदैव किसी भी प्रकार के विवादित बयानों से बचने का प्रयास करना चाहिए। विवादित बयान सदैव महत्वपूर्ण व्यक्ति की प्रतिष्ठा को धूमिल करते हैं।
परिषद अध्यक्ष ने कहा कि उद्धव ठाकरे से साधु-संत पालघर की घटना के समय से ही नाराज हैं। पालघर में जूना अखाड़ा के दो साधुओं और उनके ड्राइवर की हुई नृशंस हत्याकांड पर महाराष्ट्र सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की इसी कारण हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने आवेश में आकर गलत बयान दिया, जबकि उनका ऐसा कोई अभिप्राय नहीं था।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि उद्धव ठाकरे से उन्होंने स्वयं टेलीफोन पर पालघर के दोनों साधुओं और उनके चालक की हत्या के दोषियों को दंडित करने के लिए बातचीत की था। ठाकरे ने वादा भी किया था, लेकिन किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई।