मोदी ने यहां राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों और उपराज्यपालों के 49वें सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि देश के संघीय ढांचे और संवैधानिक तंत्र में राज्यपाल का पद केंद्र तथा राज्यों के बीच धुरी का काम करता है। राज्यपालों को इसे ध्यान में रखते हुए जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में अपने व्यापक अनुभव का लाभ उठाते यह सुनिश्चित करना चाहिए कि केंद्र की योजनाओं का लाभ हर नागरिक तक पहुंचे। इस संदर्भ में उन्होंने राष्ट्रीय पोषण मिशन और गांवों के विद्युतीकरण जैसी योजनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल कुछ ऐसे गांवों का दौरा कर सकते हैं जिनमें पहली बार बिजली पहुंची है।
उन्होंने कहा कि आदिवासी बहुल राज्यों के राज्यपालों की भूमिका विशेष रूप से महत्वपूर्ण है और वे शिक्षा, खेलों तथा वित्तीय समावेशन जैसे क्षेत्रों में सरकार की पहलों का लाभ आदिवासी समुदाय तक पहुंचाने में मदद कर सकते हैं। आदिवासी समुदाय ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और इसे डिजिटल संग्रहालय की मदद से समुचित पहचान मिलनी चाहिए।
मोदी ने कहा कि गत 14 अप्रैल से शुरू हुए ग्राम स्वराज अभियान के तहत 16 हजार गांवों में केंद्र की 7 प्रमुख योजनाओं को पूरी तरह से लागू किया गया। इन गांवों की 7 समस्याओं का जनभागीदारी के जरिए समाधान किया गया है। आगामी 15 अगस्त तक इस अभियान के दायरे में 65 हजार और गांवों को लाया जाएगा। अगले साल होने वाले राज्यपालों के 50वें सम्मेलन की तैयारी अभी से शुरू कर दी जानी चाहिए जिससे कि यह वार्षिक आयोजन और अधिक सार्थक बन सके। (वार्ता)